देश के दक्षिण राज्य तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने श्रीलंका की नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए तमिल मछुआरों के मामले में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए स्थायी तौर पर कोई समाधान खोजा जाए। स्टालिन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को बुधवार को लिखे एक पत्र में कहा कि राज्य के मछुआरों पर श्रीलंका नौसेना लगातार हमले कर रही है और अभी भी राज्य के 29 मछुआरे श्रीलंका की जेलों में बंद हैं।
सरकार के तत्काल हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता है : स्टालिन
सीएम स्टालिन ने अपने पत्र में लिखा है कि इन मछुआरों के मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर सहित 89 नावें श्रीलंकाई अधिकारियों के कब्जे में हैं और इस मामले में केन्द्र सरकार के तत्काल हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस मुद्दे को श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ उच्चतम स्तर पर उठाएं और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे इस विवादित मुद्दे का स्थायी समाधान खोजने के लिए द्विपक्षीय वार्ता शुरू करें। इस बीच, रामनाथपुरम मछुआरा संघ ने भी धमकी दी है कि अगर तमिल मछुआरों को श्रीलंकाई जेल से रिहा नहीं किया गया तो वे सड़क जाम कर देंगे।
भारत सरकार को अपनाना चाहिए कठोर रूख : मछुआरा संघ
राज्य के रामनाथपुरम मछुआरा संघ के अध्यक्ष एस. जेसुदासन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हम इस जटिल मुद्दे को हल करने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की किसी भी पहल का स्वागत करते हैं, लेकिन जब तक भारत सरकार कठोर रूख नहीं अपनाती है तब तक श्रीलंका के अधिकारी इसी तरह की घटनाओं को अंजाम देते रहेंगे। हमारे पास अपने साथी मछुआरों को जेल से रिहा कराने के लिए अनिश्चितकालीन सड़क जाम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
अनजाने में कर जाते हैं समुद्री सीमा को पार
मछुआरा संघ के अध्यक्ष ने कहा श्रीलंक की स्थिति यह है कि जब्त की गई नौकाओं और ट्रॉलरों को छोड़ा नहीं जाएगा। भारत सरकार को इन मुद्दों को श्रीलंका के अधिकारियों के साथ उच्चतम स्तर पर उठाना चाहिए और इसका समाधान निकालना चाहिए। गौरतलब है कि तमिलनाडु के कई मछुआरे अनजाने में अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार कर जाते हैं और इसी वजह से श्रीलंका नौसेना उन्हें गिरफ्तार कर रही हैं।