प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर शुक्रवार को 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बातचीत में शामिल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की एक करोड़ खुराक की मांग का आग्रह किया है।
स्टालिन ने मोदी से अनुरोध किया कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने से संबंधित सभी सामान को माल और सेवा कर (जीएसटी) से मुक्त किया जाना चाहिए और केंद्र को नीट जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा आयोजित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि इससे वायरस फैलने की आशंका है।
मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की डिजिटल बैठक में भाग लेते हुए, स्टालिन ने कहा कि उनकी सरकार ने ‘‘टीकों की बर्बादी को पूरी तरह से रोका है’’ और टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा की है। स्टालिन ने कहा कि इस तरह की जागरूकता को देखते हुए तमिलनाडु में टीकों की मांग काफी बढ़ गई है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, ‘’ अन्य राज्यों की तुलना में, हमारे राज्य के लिए आवंटन बहुत कम है। इस कठिन स्थिति को संभालने के लिए, मैंने टीके की एक करोड़ खुराक के विशेष आवंटन का अनुरोध किया है। मुझे इस महत्वपूर्ण मुद्दे में आपके समर्थन की उम्मीद है।’’
स्टालिन ने 13 जुलाई को कहा था कि आठ जुलाई, 2021 तक, तमिलनाडु को 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए केंद्र से टीके की केवल 29,18,110 खुराक मिली और 45 वर्ष से ऊपर की श्रेणी के लिए 1,30,08,440 खुराक मिली है। स्टालिन ने मोदी को एक पत्र में कहा था कि आवंटन बहुत अपर्याप्त था और तमिलनाडु को अपनी आबादी के अनुपात में टीके नहीं मिले।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कहा जाता है कि तीसरी लहर आएगी और हम इससे निपटने के लिए सभी एहतियाती कदम उठा रहे हैं और केंद्र सरकार को ऐसी स्थिति से निपटने के लिए राज्यों को और मदद देनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि तमिलनाडु सरकार महामारी से निपटने के लिए सभी कदम उठाएगी और हम महामारी से उबरने के लिए आपके (केंद्र) और अन्य सभी राज्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे।’’