तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा कि द्रमुक व उनके सहयोगियों ने बुधवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ 23 दिसंबर को जुलूस निकालने का फैसला किया है। इस बीच, यूनिवर्सिटी व कॉलेज छात्रों ने चेन्नई व कोयंबटूर में दूसरे दिन अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। सभी विपक्षी दलों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद स्टालिन ने कहा कि बैठक में संकल्प लिया गया कि सीएए को रद्द करवाया जाए और 23 दिसंबर को इसे रद्द करने की मांग को लेकर जुलूस निकाला जाएगा।
स्टालिन के अनुसार, सीएए को लेकर दो सवाल हैं- मुस्लिमों को शरणार्थी क्यों नहीं माना गया और श्रीलंका को पड़ोसी देश में क्यों नहीं रखा गया? स्टालिन ने कहा कि विधेयक को राज्यसभा में समर्थन देकर सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और पीएमके ने मुस्लिमों और श्रीलंकाई तमिलों को धोखा दिया है।
जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के.पलनीस्वामी के बयान का जिक्र किया गया कि कोई भारतीय सीएए से प्रभावित नहीं होगा तो द्रमुक नेता ने कहा कि यह आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार के साथ हैं। इस बीच मद्रास यूनिवर्सिटी के छात्रों ने सीएए के खिलाफ अपना धरना प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन जारी रखा।
एम.ए.(राजनीति शास्त्र) के दूसरे साल के छात्र के.कार्तिकेयन ने आईएएनएस से कहा, करीब 25 छात्र मद्रास यूनिवर्सिटी के परिसर में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन करने वाले छात्र विभिन्न विभागों के हैं। हमने अन्य विभागों के छात्रों को विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा कि बीते रात छात्रों द्वारा सोने जाने की बात कहने के बाद पुलिसकर्मी परिसर से बाहर चले गए। कार्तिकेयन ने कहा, आज पुलिस यूनिवर्सिटी परिसर से बाहर है। इस बीच मद्रास यूनिवर्सिटी ने 23 दिसंबर तक अवकाश की घोषणा की है। कोयंबटूर में भारतियर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।