तमिलनाडु सरकार राज्य के सभी ट्रांसपर्सन को 2,000 रुपये की कोविड नकद राहत की पहली किस्त का वितरण शुरू करेगी। इस मदद में वे भी शामिल हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। स्टालिन सरकार ने पहले केवल उन लोगों के लिए राहत की घोषणा की थी जिनके पास चावल राशन कार्ड है।
राज्य सरकार ने सोमवार को मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की मद्रास उच्च न्यायालय की पीठ के समक्ष स्पष्टीकरण दिया था। जब ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता ग्रेस बानो द्वारा एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें राज्य सरकार को राशन कार्ड पर जोर दिए बिना नकद राहत का भुगतान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
राज्य के उन सभी ट्रांसजेंडरों को नकद राहत प्रदान की जाएगी जिन्होंने तीसरे जेंडर के लिए कल्याण बोर्ड में पंजीकरण कराया है। अब तक कुल 8,493 ट्रांसजेंडर पंजीकरण करवा चुके है। ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता, लेखक, कलाकार और लोक वक्ता कल्कि सुब्रमण्यम ने बताया, “राज्य सरकार द्वारा कल्याण बोर्ड में पंजीकृत सभी ट्रांसजेंडर्स को 2,000 रुपये की नकद राहत की पहली किस्त देने का निर्णय स्वागत योग्य कदम है। इससे हमारे लोगों को बहुत राहत मिलेगी और मैं इस कदम के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को धन्यवाद देता हूं।” तमिलनाडु के महाधिवक्ता ने मामले की पिछली सुनवाई में अदालत से पुष्टि की थी कि सरकार इस मसले पर सहानुभूतिपूर्ण कार्रवाई करेगी।