तमिलनाडु सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय को जुलाई 1980 के एक कार्यक्रम में जलयलिता की मौजूदगी से जुड़ा एक वीडियो क्लिप पेश किया है। सरकार का तर्क है कि यह वीडियो क्लिप इस महिला के दावे को गलत साबित करता है कि वह दिवंगत मुख्यमंत्री की जैविक पुत्री है।
राज्य के महाधिवक्ता विजय नारायण ने न्यायमूर्ति वैद्यनाथन के समक्ष इस वीडियो की एक प्रति पेश की।
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि जयललिता ने 14 अगस्त 1980 को उन्हें जन्म दिया था लेकिन ठीक एक महीने पहले जब वह 27 वें फिल्मफेयर अवार्ड समारोह में शामिल हुयीं तो कहीं से भी ऐसा नजर नहीं आया कि वह गर्भावस्था के आखिरी महीनों में थीं।
जयललिता ने राजनीति में आने से पहले करीब 120 फिल्मों में किया था काम
नारायण अदालत में बेंगलुरू की महिला की याचिका पर अपनी दलीलें पेश कर रहे थे। महिला का दावा था कि जयललिता ने उन्हें जन्म दिया और उसे एक अन्य व्यक्ति को गोद दे दिया था। वह उन्हें अपनी मां साबित करने के लिए डीएनए टेस्ट कराने की मांग कर रही है।
दिसंबर 2016 में जयललिता की मौत के बाद दायर याचिका में महिला ने दावा किया था कि गोद लेने वाले उनके पिता ने उनकी मां के निधन के कुछ समय पहले इस तथ्य का खुलासा किया था।