प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को तमिलनाडु के काेयंबटूर में विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं का शुभारंभ करते हुए कहा कि तमिलनाडु के पास समुद्री व्यापार और बंदरगाह के जरिए विकास का एक शानदार इतिहास रहा है।
श्री मोदी ने महान स्वतंत्रता सेनानी वी ओ चिदंबरनर के प्रयासों को याद करते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तूतीकोरिन स्थित चिदंबरनर बदंरगाह पर उनसे (चिदंबरनर से) जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “ एक जीवंत भारतीय शिपिंग उद्योग और समुद्री विकास के लिए उनका दृष्टिकोण हमें बहुत प्रेरित करता है।”उन्होंने कहा कि बंदरगाह के जरिए विकास के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता को सागरमाला योजना के माध्यम से देखा जा सकता है।
श्री मोदी ने कहा,“ 2015-2035 की अवधि के दौरान कुल लागत छह लाख करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 575 परियोजनाओं की क्रियान्वयन के लिए पहचान की गयी है। ये कार्य कवर करते हैं: पोर्ट आधुनिकीकरण, नया बंदरगाह विकास, पोर्ट कनेक्टिविटी बढ़ाने, पोर्ट-लिंक्ड औद्योगीकरण और तटीय सामुदायिक विकास। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज शुरू की गई परियोजनायें पोर्ट की कार्गो हैंडलिंग को और मजबूती प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार इसे ट्रांज़िशन पोर्ट बनाने और इसे व्यापार तथा रसद के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में बनाने की खातिर और कदम उठाएगी। ”
श्री मोदी ने कहा कि चेन्नई के श्रीपेरंबुदूर के पास मप्पू में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क जल्द ही लॉन्च किया जाएगा, कोरापल्लम ब्रिज और रेल ओवर ब्रिज के आठ लेन पर वीओसी पोर्ट सहज कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और भीड़भाड़ मुक्त और बंदरगाह से यात्रा करने के लिए और भी कम कार्गो ट्रकों के आवागमन के समय में कटौती होगी।
उन्होंने कहा कि विकास के मूल में प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करना है। इसे सुनिश्चित करने के बुनियादी तरीकों में से एक है, सभी के लिए आश्रय प्रदान करना। सपनों को पंख देना। इसके मद्देनजर लोगों की आकांक्षाएं पूरी करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना आरंभ की गयी हैं।
कोयम्बटूर को उद्योग और नवाचार का शहर बताते हुए उन्होंने कहा कि तमिलनाडु भारत के औद्योगिक विकास में प्रमुख योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग को विकसित करने के लिए बुनियादी जरूरतों में से एक है, निरंतर बिजली की आपूर्ति। उन्होंने कहा, “आज मैं राष्ट्र दो को एनएलसीआईएल की दो प्रमुख बिजली परियोजनायें समर्पित करके और एक अन्य बिजली परियोजना की आधारशिला रखते हुए काफी खुश हूं।”
गौरतलब है कि करीब 709 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना एनएलसीआईएल द्वारा 3,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की गई है और एनसीएल की एक और 1,000 मेगावाट की थर्मल पावर परियोजना कुल 7,800 करोड़ रुपये लागत से निर्मित होने से तमिलनाडु के लोगों को बहुत लाभ होगा। इन दोनों परियोजनाओं से राज्य में 65 प्रतिशत से अधिक बिजली पैदा होगा।