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तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड के सभी दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की

कैबिनेट ने संविधान के अनुच्छेद 161 के प्रावधानों के तहत राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों मुरूगन,संथन, अरिवू, जयकुमार, नलिनी को रिहा करने का फैसला किया।

चेन्नई : तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक सरकार ने रविवार को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से सिफारिश की कि राजीव गांधी हत्याकांड के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी सात दोषियों को रिहा कर दिया जाए। कांग्रेस को छोड़कर राज्य की ज्यादातर राजनीतिक पार्टियों ने इस कदम की तारीफ की है।

मत्स्यपालन मंत्री डी. जयकुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस बाबत एक प्रस्ताव स्वीकार किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य की कार्यपालिका के प्रमुख की हैसियत से अब राज्यपाल को इस निर्णय को स्वीकार करना है।

कैबिनेट ने संविधान के अनुच्छेद 161 के प्रावधानों के तहत राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों – वी. श्रीहरण उर्फ मुरूगन, टी. सुथंथिरराजा उर्फ संथन, ए.जी.पेरारीवलन उर्फ अरिवू, जयकुमार, रॉबर्ट पायस और नलिनी को रिहा करने का फैसला किया। यह अनुच्छेद राज्यपाल को कुछ मामलों में सजा माफ करने, निलंबित करने और कम करने की शक्ति देता है।

राजीव गांधी हत्याकांड में 27 साल से जेल में बंद दोषी के लिए मां ने की दया मृत्यु की मांग

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की यहां के निकट श्रीपेरंबदूर में 21 मई, 1991 को हत्या कर दी गई थी। इसी मामले में अपनी भूमिका को लेकर सातों दोषी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। दोषियों की रिहाई पर केंद्र सरकार के विरोध और केंद्र से संपर्क किए बगैर राज्यपाल द्वारा इस पर फैसला करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर जयकुमार ने कहा कि राज्यपाल को केंद्र सरकार की राय लेने की कोई जरूरत नहीं है।

एक सवाल के जवाब में जयकुमार ने कहा, ”उन्हें स्वीकार करना होगा और वह करेंगे”, क्योंकि कैबिनेट ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत यह फैसला किया है। कांग्रेस को छोड़कर बाकी विपक्षी पार्टियों ने इस कदम का स्वागत किया और राज्यपाल से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि वे 25 साल से अधिक समय से जेल में बंद दोषियों को तत्काल रिहा करें।

तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सू. थिरुनावुकरसर ने कहा कि दोषियों की रिहाई से ”गलत परंपरा” शुरू होगी। राज्य सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब उच्चतम न्यायालय ने पिछले दिनों राज्यपाल से कहा था कि वह पेरारीवलन की दया याचिका पर विचार करें। न्यायालय ने केंद्र की उस याचिका का निपटारा कर दिया था जिसमें दोषियों की रिहाई के लिए राज्य के 2014 के फैसले का विरोध किया गया था।

जयकुमार ने कहा कि कैबिनेट का प्रस्ताव ”आज ही, तत्काल” राज्यपाल को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि आगे का कदम बगैर किसी देरी के उठाया जाए। यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यपाल कैबिनेट के फैसले पर सकारात्मक कदम उठाएंगे, इस पर जयकुमार ने कहा, ”निश्चित तौर पर।”

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