महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने तिवारे बांध के टूटने और 18 लोगों की जान चले जाने के लिए केकड़ों को जिम्मेदार ठहराने पर मंत्री तानाजी सावंत की शुक्रवार को आलोचना की और राकांपा ने आरोप लगाया कि वह ‘एक बड़ी मछली को बचाने के लिए ‘केकड़ों’ पर दोषारोपण कर रहे हैं।
जल संसाधन मंत्री सावंत ने बृहस्पतवार को यह भी कहा था कि बांध ‘प्राकृतिक आपदा’ के बाद टूट गया और जो होनी है वह तो होगा ही। राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि बांध के टूट जाने के लिए शिवसेना नेता सावंत द्वारा केकड़ों को जिम्मेदार ठहराया जाना ‘बेशर्मी की इंतहा’ है।
तटीय रत्नागिरि जिले के चिपलून तहसील में यह बांध मंगलवार को भारी बारिश के बीच टूट गया था और निचले हिस्से में आने वाले कई गांव जलमग्न हो गये थे। मलिक ने सावंत पर स्थानीय शिवसेना विधायक सदानंद चव्हाण को बचाने का आरोप लगाया जो मीडिया के अनुसार इस बांध के ठेकेदार थे। मलिक ने कहा, “केकड़े को जिम्मेदार मत ठहराइए क्योंकि आप एक बड़ी भ्रष्ट मछली को बचा रहे हैं। पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच करायी जाए और दोषी विधायक को दंडित किया जाए।”
सावंत पर प्रहार करते हुए राकांपा नेता अजीत पवार ने कहा कि यदि शिवसेना नेता को इस त्रासदी के लिए जीव-जंतु को ही जिम्मेरार ठहराना था तो उन्होंने मंत्री का कार्यभार क्यों संभाला। उन्होंने कहा, “भाजपा-शिवसेना के मंत्री कब अपनी विफलताएं स्वीकार करेंगे।” कांग्रेस नेता सचिव सावंत ने कहा कि शिवसेना मंत्री को अपने पर शर्म आनी चाहिए।