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केंद्रीय एजेंसियों द्वारा व्यक्तियों को निशाना बनाया जाना संघीय ढांचे के लिये नुकसानदेह : संजय राउत

शिवसेना ने मोदी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाये जाने का आरोप लगाया हैं।

शिवसेना ने मोदी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाये जाने का आरोप लगाया हैं। शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा एमवीए गठबंधन के नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाया जाना देश के संघीय ढांचे के लिये नुकसानदेह है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को धनशोधन के मामले में तलब किये जाने से संबंधित पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में राउत ने यह बात कही। कथित तौर पर करोड़ों रुपये के घूस सह जबरन वसूली गिरोह से जुड़े धन शोधन मामले में देशमुख से शनिवार को मुबई स्थित ईडी दफ्तर में जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा गया था।
इस मामले में नाम सामने आने के बाद देशमुख को अप्रैल में गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। राकांपा नेता ने हालांकि पेशी के लिये दूसरी तारीख दिए जाने का अनुरोध किया था। महाराष्ट्र में राकांपा, शिवसेना और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है।
संवाददाताओं से बात करते हुए राउत ने यह भी कहा कि शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखा गया पत्र भी यह दर्शाता है कि विधायक को ईडी द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर शिकायतें हैं तो राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) या भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) उनकी जांच कर सकता है।
राउत ने आरोप लगाया, “लेकिन, जानबूझ कर निशाना बनाने के लिये केंद्रीय एजेंसियों को दबाव में लाया जा रहा है…यह यहां सरकार न बना पाने की हताशा के चलते हो रहा है।” उन्होंने कहा, “यह संघीय ढांचे के लिये नुकसानदेह है।”
विधानसभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस द्वारा राज्य के स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण पुन: लागू करवाने में विफल रहने पर सियासत से संन्यास लेने के बारे में दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि भाजपा नेता ने 2014 में दावा किया था कि वह सत्ता में आने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ‘धनगर’ समुदाय के लिये आरक्षण का प्रस्ताव पारित करेंगे।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, “वह पांच साल तक सत्ता में थे लेकिन कुछ नहीं हुआ। सत्ता में रहिये या नहीं समाज के वंचित वर्ग के लोगों के मुद्दों के समाधान के लिये प्रयास किये जाने चाहिए।” राउत ने कहा कि आरक्षण का मुद्दा सामाजिक समानता सुनिश्चित करने के लिये है।
राउत ने कहा, “कृपया एक सामाजिक मुद्दे का राजनीतिकरण न करें। आप सरकार में रहें या विपक्ष में, एक जिम्मेदार नेता को मुद्दों के समाधान का प्रयास करना चाहिए जो एमवीए के नेता करने का प्रयास कर रहे हैं।” भाजपा और कांग्रेस द्वारा राज्य के विभिन्न हिस्सों में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर प्रदर्शन किए जाने के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि सरकार और विपक्ष के नेताओं से कोविड-19 महामारी के दौरान उचित व्यवहार की उम्मीद की जाती है।
पुलिस द्वारा एक कार्यक्रम में कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने पर राउत ने कहा, “हर किसी से नियमों का पालन करने की उम्मीद की जाती है।”

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