देहरादून\हरिद्धार : पुलवामा हमले में शहीद हुए उत्तरकाशी के बनकोट गांव के जांबाज मोहन लाल रतूड़ी की अंतिम यात्रा में जन सैलाब उमड़ा। गम और आक्रोश के बीच देहरादून के विद्या विहार कॉलोनी से शहीद के पार्थिव शरीर की अंतिम यात्रा निकली। गमगीन माहौल में हरके की आंखों से आंसू छलक रहे थे तो आंतकवाद के खिलाफ आक्रोश भी कम नहीं था।
हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार हुआ। अंतिम संस्कार के बाद शहीद मोहन लाल के छोटे भाई मनमोहन रतूड़ी ने जल्द से जल्द पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कही। शहीद जवान के छोटे भाई मनमोहन रतूड़ी ने कहा कि भाई की शहादत के बाद मन व्यग्र है, लेकिन पाकिस्तान और आतंकवाद के प्रति मन में काफी गुस्सा और रोष है।
सरकार से अपील करते हुए शहीद के छोटे भाई ने कहा कि सिर्फ मेरे नहीं बल्कि देश के लाखों लोगों के भाइयों के साथ ऐसा हो रहा है।जल्द से जल्द पाकिस्तान को सबक सिखाओ। इससे पूर्व पुलवामा हमले में शहीद मोहनलाल रतूड़ी का पार्थिक शरीर शनिवार सुबह साढ़े सात बजे देहरादून के विद्या विहार कॉलोनी स्थित उनके बड़े भाई के घर पर पहुंचा।
तिरंगे में लिपटे ताबूद के अंदर पार्थिक शरीर जैसे घर पहुंचा तो घर में चीख-पुकार मच गई। पत्नी सरीता देवी और उनकी बेटियां खुद को नहीं संभाल पाई। उनकी आंखों से आंसूओं की पानी की धार जैसी निकल गई। नाते-रिस्तेदार की आंखें भी छलक गई। कुछ लोग परिजनों का धैर्य बंधा रहे थे। ताबूद के अंदर बंद पार्थिक शरीर को घर के बाद खाली स्थान अंतिम दर्शन के लिए रखा गया।
– सुनील, संजय