विश्वभारती विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्र संगठनों ने परिसर में हुई हिंसा की बुधवार को निंदा की। पौष मेला वाले मैदान की बाड़बंदी करने को लेकर परिसर में स्थानीय लोगों द्वारा हिंसा की गयी थी। विश्वभारती विश्वविद्यालय संकाय एसोसिएशन का कहना है कि प्रशासन द्वारा कोई भी फैसला लिए जाने से पहले वह सभी पक्षों के बीच बातचीत चाहता है।
विश्वविद्यालय के परिसर में हुई तोड़फोड़ की निंदा करते हुए एक बयान में एसोसिएशन ने कहा, ‘‘सभी पक्षों के साथ पहले बातचीत करके इस हिंसक प्रदर्शन से बचा जा सकता था। पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जहां संकट पैदा होने पर संकाय सदस्यों ने अधिकारियों के साथ मिलकर बातचीत की थी।’’
मेला मैदान के चारो तरफ दिवार बनाने का स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किए गया। इस विरोध प्रदर्शन के अगले दिन 16 अगस्त को कुलपति के नेतृत्व में संकाय सदस्यों द्वारा रैली निकालकर बाड़बंदी का समर्थन करने की घटना का वामपंथी संगठन ने भी विरोध किया है।
इसके साथ ही एसोसिएशन ने कहा, ‘‘विश्वभारती संकाय सदस्यों और अन्य कर्मचारियों को 16 अगस्त को एकत्र करने का फैसला सही नहीं था क्योंकि इससे उन्हें खतरा हो सकता था।’’ विश्वविद्यालय प्रशासन को अतीत में हुई, पौष मेला मैदान से जुड़ी घटनाओं से सबक लेना चाहिए था।