सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिकाकर्ता को किसी भी तरह की राहत देने का पुरजोर विरोध किया। इस पर पीठ ने मौखिक रूप से कहा, ''इतनी जल्दी क्या है कि उस व्यक्ति को सात दिन की सुरक्षा भी नहीं दी जानी चाहिए? हाईकोर्ट द्वारा उसकी याचिका को खारिज करना, इतनी चिंताजनक बात क्या है? हम इसे समझने में विफल हैं।'' वहीं, याचिकाकर्ता सीतलवाड़ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील चंदर उदय सिंह ने कहा कि उन्हें (सीतलवाड़) पहले 02 सितंबर 2022 को अंतरिम जमानत दी गई थी। इस दौरान उन्होंने अदालत द्वारा निर्धारित किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है।