तेलंगाना हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर, केंद्र और राज्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि मार्च में दिल्ली के निजामुद्दीन में मरकज में हुए आयोजन से कोरोना वायरस और मुस्लिम समुदाय को कथित तौर पर जोड़ने वाली कुछ पोस्ट अभी तक क्यों नहीं हटाई गई हैं। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 जुलाई तय की है।
मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति बी विजयसेन की पीठ ने वकील खाजा एजाजुद्दीन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये नोटिस जारी किए। इस याचिका में उन चुनिन्दा कथित रूप से गैरकानूनी पोस्ट को सोशल मीडिया से हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है जिनमें धर्म और महामारी को जोड़ा गया है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार को ट्विटर और घृणात्मक संदेश फैलाने वालों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया जाए। याचिका में कहा गया है कि ट्विटर पर कथित रूप से हैश टैग के साथ एक विशेष समुदाय के खिलाफ पोस्ट लिखकर नफरत फैलाई जा रही है।