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PFI ने की शुक्रवार सुबह से शाम तक की हड़ताल में आतंकवादी प्रवृत्ति : माकपा

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की राज्य समिति के सदस्य एमवी जयराज ने शनिवार को कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की ओर से शुक्रवार को की गई सुबह से शाम तक की हड़ताल ‘आतंकवादी प्रवृति’ की थी।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की राज्य समिति के सदस्य एमवी जयराज ने शनिवार को कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की ओर से शुक्रवार को की गई सुबह से शाम तक की हड़ताल ‘आतंकवादी प्रवृति’ की थी।
माकपा के कन्नूर जिला सचिव श्री जयराजन ने कहा कि कट्टरपंथी संगठन की शुक्रवार की हड़ताल के दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं, जिसके कारण कई जगहों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। उन्होंने कहा,‘‘पीएफआई/एसडीपीआई कार्यकर्ताओं ने मट्टनूर में आरएसएस कार्यालय पर पेट्रोल बम फेंके और वहां की दुकानों को जबरन बंद करने की कोशिश की। साथ ही, युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने लोगों को अपनी दुकानें बंद करने की धमकी भी दी। दोनों घटनाओं की वीडियो क्लिपिंग अब सोशल मीडिया पर भी उपलब्ध है।’’ 
हिंदू राष्ट्र की स्थापना के आरएसएस के एजेंडे के समान 
उन्होंने कहा,‘‘राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पीएफआई कार्यालयों में छापेमारी की और उसके नेताओं को पीएफआई की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों (गुरुवार को) पर प्राप्त खुफिया सूचनाओं के आधार पर गिरफ्तार किया। इन सभी विवरणों का उल्लेख एनआईए की अदालत में रिमांड रिपोर्ट में किया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रिपोर्ट के अनुसार, पीएफआई ने एक इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना की कोशिश की। यह हिंदू राष्ट्र की स्थापना के आरएसएस के एजेंडे के समान है। 
दोनों राष्ट्र के लिए खतरनाक हैं। हमें एक मानवीय चेहरे वाले देश की जरूरत है।’’ शुक्रवार को केरल उच्च न्यायालय ने राज्य में बंद पर प्रतिबंध लगा दिया। अदालत ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा ‘अवैध और असंवैधानिक’ रूप में बुलाए गए हड़ताल को भी समाप्त कर दिया और पीएफआई नेताओं के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की। अदालत ने पिनाराई विजयन सरकार को अदालत के आदेश और लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाले आंदोलनकारियों के खिलाफ कड़ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।
पीएफआई ने शुक्रवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया 
अदालत ने कहा,‘‘पीएफआई द्वारा बुलाई गई फ्लैश हड़ताल ने सात जनवरी, 2019 के पिछले अदालत के आदेश का उल्लंघन किया, जो अदालत की अवमानना ??को आकर्षित करता है। यह अनिवार्य है कि हड़ताल की घोषणा के लिए सात दिन का पूर्व नोटिस दिया जाए।’’ एनआईए द्वारा छापेमारी के दौरान गुरुवार को अपने नेताओं की गिरफ्तारी के बाद पीएफआई ने शुक्रवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था।
अदालत ने कहा कि अवैध कृत्य के लिए पीएफआई के राज्य महासचिव और उसकी राज्य समिति जिम्मेदार हैं। अदालत ने पुलिस को आगे की प्रक्रिया शुरू करने और यदि आवश्यक हो तो मामले दर्ज करने के लिए हड़ताल के कारण सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान का विवरण प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है।

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