यह दावा करते हुए कि चूंकि भर्ती परीक्षाएं आयोजित होने के वर्षों बाद भी वास्तविक भर्ती नहीं होती है, उन्होंने दावा किया कि ऐसी परीक्षाएं राज्य सरकार के लिए एकमुश्त आय अर्जित करने का माध्यम बन गई हैं। इस संबंध में उन्होंने आंकड़ों से भी अपने दावे की पुष्टि की।पिछले साल तक, टीईटी परीक्षाओं के लिए एक परीक्षा फॉर्म की कीमत सिर्फ 125 रुपये थी। इस साल से इसे बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है। हर बार औसतन लगभग 7,00,000 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होते हैं। इस प्रकार, उन प्रवेश परीक्षा फॉर्मों को बेचकर सरकार लगभग 28 करोड़ रुपये कमाएगी