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थावरचंद गहलोत 11 जुलाई को लेंगे कर्नाटक के राज्यपाल के रूप मे शपथ

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे थावरचंद गहलोत 11 जुलाई को कर्नाटक के 19वें राज्यपाल के तौर पर शपथ लेंगे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे थावरचंद गहलोत 11 जुलाई को कर्नाटक के 19वें राज्यपाल के तौर पर शपथ लेंगे। राज्य के सूचना विभाग ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया कि गहलोत 11 जुलाई को पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट पर राजभवन के ग्लास हाउस में कर्नाटक के राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे।
आधिकारिक बयान में बताया गया कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका, गहलोत को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। गहलोत (73) केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री के साथ ही राज्यसभा में सदन के नेता भी थे। वह यहां वजुभाई वाला की जगह लेंगे, जो 2014 से इस दक्षिणी राज्य के राज्यपाल रहे हैं।
राष्ट्रपति ने छह जुलाई को कर्नाटक के नए राज्यपाल के रूप में गहलोत के नाम की घोषणा की थी। दलित नेता का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन के रूपेटा में 18 मई, 1948 को हुआ था। उनके पास उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री है। गहलोत जनसंघ के जरिए 1962 में राजनीति में आए और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति समेत पार्टी के कई अन्य अहम पदों पर रहे।
वह कर्नाटक से भी परिचित हैं क्योंकि पार्टी के महासचिव रहने के दौरान वह 2006 से 2014 के बीच इस राज्य के प्रभारी भी रहे थे। मध्य प्रदेश से तीन बार के विधायक गहलोत 1996 से 2009 के बीच शाजापुर से चार बार लोक सभा के सदस्य रहे। 2009 में वह लोक सभा का चुनाव हार गए। वह 2012 में राज्यसभा का सदस्य बने।
कर्नाटक के राज्यपाल के रूप में वाला का पांच साल का कार्यकाल अगस्त, 2019 में ही खत्म हो गया था लेकिन केंद्र सरकार द्वारा उनके उत्तराधिकारी का नाम तय नहीं कर पाने की वजह से वह इस पद पर बने रहे। वाला मई,2 018 में कांग्रेस-जद (एस) के बदले भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने की वजह से आलोचनाओं का शिकार हुए थे। कांग्रेस-जद(एस) के गठबंधन ने उनके इस कदम को ‘गुजराती कारोबारी वाला’ कदम करार दिया था।

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