उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि मुसलमानों को शिक्षा के क्षेत्र में पांच प्रतिशत आरक्षण देने का मुद्दा अभी मेरे सामने नहीं आया। उन्होंने कहा कि इस बारे में हमें अभी अपना रुख तय नहीं करना है। विपक्ष को उस समय के लिए अपनी ऊर्जा बचानी चाहिए जब हम वास्तव में इस मामले पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि महा विकास आघाडी समन्वय समिति एनपीआर से जुड़े मुद्दों का अध्ययन करेगी।
‘राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किए जाने के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं की एक समिति बनाऊंगा जो एनपीआर के प्रावधानों को देखेगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने 7 मार्च को एनसीपी और कांग्रेस में से किसी को भी अयोध्या ले जाने के बारे में कहा कि आस्था पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। मैं स्वागत करता हूं कि जो भी मेरे साथ अयोध्या जाना चाहता है।
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बता दें कि कुछ दिन पहले महाराष्ट्र में शिवसेना की गठबंधन सरकार ने मुसलमानों को शिक्षा एवं रोजगार में आरक्षण दिये जाने को लेकर बड़ा ऐलान किया था। एनसीपी के नेता ने कहा था कि मुसलमानों के लिए शिक्षा में आरक्षण दिये जाने को लेकर हाइकोर्ट ने सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार एक नया कानून बनाकर इसे लागू करने का प्रयास कर रही है।