महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना की मान्यता देने के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि चुनाव आयोग को भंग कर दिया जाना चाहिए। ठाकरे ने मुंबई में शिवसेना भवन में संवाददाता सम्मेलन में कहा, इतनी जल्दबाजी में फैसला देने की क्या जरूरत थी। उन्होंने कहा, हमारा निर्वाचन आयोग से विश्वास उठ गया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्वाचन आयुक्त निर्वाचित किए जाने चाहिए, न कि उनकी नियुक्ति की जानी चाहिए।
ठाकरे ने कि चुनाव आयोग के फैसले को ठहराया गलत
ठाकरे ने कहा, चुनाव आयुक्तों के लिए एक उचित प्रक्रिया होनी चाहिए। जब उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति की बात आती है, तो इसी तरह की प्रक्रिया चलन में है। उन्होंने कहा, शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को) सौंपने का निर्वाचन आयोग का फैसला बिलकुल गलत है। निर्णय घटनाओं के क्रम पर आधारित होना चाहिए था।
ठाकरे के हलफनामे में क्या कहा गया है
ठाकरे ने कहा, आयोग ने हमें हलफनामे और पार्टी कार्यकर्ताओं की सूची प्रस्तुत करने के लिए कहा था। हमने लाखों हलफनामे दाखिल किए, उन्हें जमा करने के लिए लाखों रुपये खर्च किए। लेकिन निर्वाचन आयोग ने पार्टी के नाम और चिह्न पर फैसला सुनाते समय इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया।
भाजपा पर लगाए शिवसेना को नष्ट करने के आरोप
उन्होंने कहा कि भाजपा शिवसेना को खत्म करने की योजना बना रही है। ठाकरे ने कहा, हमारी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न चुराना एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि उन्हें राकांपा प्रमुख शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने समर्थन देने के लिए फोन किया है। ठाकरे ने कहा कि उनकी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बात हुई है।