उत्तराखंड की मत्स्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने विभागीय समीक्षा बैठक में निर्देश दिये कि मत्स्य संरक्षण एवं संवर्धन से सम्बन्धित योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक अनिवार्य रूप से पहुंचे। सुश्री आर्या ने कहा कि निर्धारित मानकों का पालन कर अनिवार्य रूप से लाभर्थियों के चयन में पारदर्शिता बरतें।
विधानसभा परिसर स्थित सभाकक्ष में शुक्रवार को आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि गढ़वाल मण्डल के सभी जनपदों में तालाबों के निर्माण हेतु जो बजट आवंटित किया गया है, उसे समय पर व्यय करें। उन्होंने कहा कि आदर्श तालाब निर्माण के लिए पांच वर्ष पूर्व जो धनराशि आवंटित की जाती थी, वर्तमान समय उस धनराशि से तालाब निर्माण करना सम्भव नहीं है, इसलिए तालाब निर्माण के लिए निर्धारित धनराशि को बढाई जायेगी। वर्तमान समय में आदर्श निर्माण हेतु यह धनराशि तीन लाख रुपये है।
मत्स्य निदेशक डॉ। बीपी मधवाल ने बताया कि हमारे प्राकृतिक जल ह्मोतों में पाये जाने वाले मत्स्य के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए टिहरी, पौड़ एवं उत्तरकाशी जनपदों ने अच्छा कार्य किया है, लेकिन जनपद हरिद्वार में आशा के अनुरूप कार्य नहीं हो पाया है। इसके लिए उन्होंने मत्स्य प्रभारी हरिद्वार को बजट खर्च करने और लाभार्थियों को इसका लाभ दिलाने के लिए कार्य करने के सन्दर्भ में निर्देश दिये हैं।
बैठक में यह भी कहा गया कि जनपदों में कार्मिकों की कमी को दूर करने के लिए विभाग आउटसोर्स के माध्यम से शीघ, कार्मिकों की व्यवस्था करेगा। इस अवसर पर, संयुक्त निदेशक मत्स्य एच.के.पुरोहित, उप निदेशक मत्स्य गढ़वाल मण्डल गणेश चन्द, जोशी सहित गढवाल मण्डल के सभी जनपदों के मत्स्य प्रभारी मौजूद रहे।