लगभग नौ महीने तक बंद रहने के बाद लिंगराज मंदिर को रविवार को यानी आज श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया गया। ओडिशा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर स्थित सबसे पुराने मंदिर में पहले दिन इसके सेवादारों और उनके परिजनों को प्रवेश की अनुमति दी गई। बता दें कि उन्हें 31 दिसंबर तक मंदिर के अंदर पूजा करने की अनुमति दी जाएगी, जबकि राज्य की राजधानी के बाहर की आम जनता को 6 जनवरी से अनुमति मिलेगी।
भुवनेश्वर के लोग 3 जनवरी से मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। ग्यारहवीं शताब्दी में बना लिंगराज मंदिर भारत का एक विशिष्ट स्थान है जहां भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की एक साथ पूजा की जाती है, जिसे हरि-हर पीठ कहा जाता है।अधिकारियों ने कहा कि भक्तों को मंदिर में पूजा की अनुमति देने से एक दिन पहले मंदिर को पूरी तरह से स्वच्छ किया गया। नए साल पर अधिक भीड़़ जुटने की संभावना के चलते मंदिर को एक और दो जनवरी को भक्तों के लिए बंद रखा जाएगा।
इस बीच, भुवनेश्वर नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट वाले भक्तों को ही मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। निगम ने मंदिर के पास अस्थायी जांच शिविर लगाए हैं ताकि श्रद्धालु धर्मस्थल में प्रवेश करने से पहले अपनी कोविड-19 जांच करा सकें। मंदिर में सुचारू रूप से दर्शन और कोविड-19 संबंधी मानदंडों का उचित पालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों ने पूरी व्यवस्था की है। ठीक इसी तरह जगन्नाथ मंदिर 23 दिसंबर को भक्तों के लिए खोला गया था।