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The Kashmir Files: दिग्विजय सिंह बोले- नफरत फैलाने वालों का एजेंडा आज भी हमारे प्यार मोहब्बत के सामनें छोटा है

द कश्मीर फाइल्स फिल्म चर्चार्ओं में है। इसकेा लेकर तकरार भी जारी है। इस तकरार के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्मयंत्री दिग्विजय सिंह ने राही मासूम रजा केा याद किया है।

भारत में इन दिनों  ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर काफी घमासान मचा हुआ हैं। क्योंकि इसमें 1990 में कश्मीर से कश्मीरी पंडितों का दर्द बताया गया हैं। हालांकि इस फिल्म में कैसे जिहादी बड़े लेवल पर हिंदु कश्मीरों का नरसंहार करते जा रहै थे। इसी मुद्दे को लेकर नेताओं में औपचारिक तौर से तकरार होता जा रहा हैं। और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्मयंत्री दिग्विजय सिंह ने राही मासूम रजा केा याद किया है।
‘द कश्मीर फाइल्स’ ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है
विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स ने एक नई बहस केा जन्म दिया है। कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार को लेकर सियासी माहौल गमार्या हुआ है। तमाम राजनीतिक दल अपने अपने तरह से इस फिल्म को लेकर अपने बयान दे रहे है।इसी बीच मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी नियाज खान के ट्वीट ने बहस को और गर्मा दिया। उन्होंने तो यहां तक लिख दिया कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है। उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। निमार्ता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए एक फिल्म बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े नहीं, बल्कि इंसान हैं और देश के नागरिक हैं।
भाजपा के विधायक रामेश्वर ने की टिप्पणी
जानकारी के मुताबिक,  आईएएस अफसर ने औपचारिक तौर से  भाजपा के विधायक रामेश्वर ‘शर्मा ने भी तल्ख टिप्पणी करते हुए ट्वीट किया, ‘ चलिए 30 साल बाद ही सही पर आपने माना तो की कश्मीरी पंडितो-हिंदुओं के साथ अनन्य, अत्याचार, बर्बरता हुई । 30 साल बाद आपने माना तो इस्लामिक कट्टरवाद, जिहाद के लिए कैसे हिंदुओं को मिट्टी में मिलाने की सोच का उदाहरण 19 जनवरी 1990 को पेश किया गया। ‘रामेश्वर शर्मा ने नियाज खान को हिदायत देते हुए कहा, ‘ मुस्लिमो के लिए कीड़ा मकोड़े जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें क्योंकि भारत में सच्चे देशभक्त एपीजे अब्दुल कलाम साहब, अशफाकुल्लाह खाँ, जैसे भी हुए है।’
मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राही मासूम रजा को याद किया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह की तल्ख बयानबाजी के बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राही मासूम रजा को याद करते हुए लिखा, ‘ डॉ राही मासूम रजा को बी आर चोपड़ा नेमहाभारत टीवी सीरियल का स्क्रिप्ट लिखने को कहा तो,पहले तो राही मासूम रजा ने इनकार कर दिया था। पर दूसरे दिन यह खबर न्यूज पेपर में छप गयी। हजारों लोगों ने चोपड़ा को खत लिखा कि एक मुसलमान ही मिला है महाभारत लिखवाने के लिए! चोपड़ा ने सारे खत राही मासूम रजा के पास भेज दिये। सारे खत देखने के बाद राही मासूम रजा ने चोपड़ा से कहा कि अब मैं ही लिखूंगा महाभारत, क्योंकि मैं गंगा का पुत्र हूँ।’
दिग्विजय सिंह ने एक अन्य ट्वीट में बताया
दिग्विजय सिंह ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘ राही मासूम रजा ने जब टीवी सीरियल ‘महाभारत’ लिखा तो उनके घर खतों के अंबार लग गए, लोगों ने खूब तारीफें की खूब दुआऐं दी, इतने खत आए कि खतों के कई गट्ठर बन गए। लेकिन एक बहुत छोटा सा गट्ठर उनकी मेज के किनारे सब खतों से अलग पड़ा था। जब किसी ने वजह पूछी तो जवाब मिला कि ये वो खत हैं जिनमे मुझे गालियाँ लिखी गयी हैं। कुछ हिंदू इस बात से नाराज हैं कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुसलमान होकर महाभारत लिखने की और कुछ मुसलमान इसलिए नाराज हैं कि तुमने हिंदुओं की किताब को क्यूँ लिखा…? लेकिन राही साहब का मानना था कि यही छोटी गड्डी दरअसल मुझे हौसला देती है कि मुल्क में बुरे लोग कितने कम हैं।’
रजा केा याद करते हुए दिग्विजय ने  लिखा, ‘ आज भी नफरत फैलाने वालों की गडडी हमारे प्यार मोहब्बत के बड़े गट्ठर से बहुत छोटी है। लेकिन हमें नफरत फैलाने वाले लोगों को मोहब्बत के रास्ते पर लाने के लिए निडर होकर प्रयास करना चाहिए। कठिन है लेकिन असंभव नहीं। अंत में जीत मोहब्बत और भाईचारे की ही होगी।’

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