उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी कांग्रेस ने अब तक भले ही प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की हो मगर पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया में टिकट के संभावित उम्मीदवारों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है। देवरिया लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा क्षेत्र में से चार पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एक पर कांग्रेस का कब्जा है जबकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को आखिरी बार यहां वर्ष 1984 में जीत हासिल हुयी थी।
कांग्रेस समर्थकों को उम्मीद है कि पार्टी की नयी महासचिव एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस की खोई प्रतिष्ठा को वापस पाने में सफल होंगी और यही कारण है कि कांग्रेस कार्यालय में इन दिनो सरगर्मी बनी हुयी है। देवरिया में कांग्रेस के उम्मीदवारों में सबसे अधिक संभावना पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह की मानी जा रही है। श्री सिंह अपनी दावेदारी पक्की मानकर क्षेत्र में अपनी सक्रियता भी खूब दिखा रहे हैं और अपने कार्यकाल के दौरान रूद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में कराये गये कार्यों को बढचढ कर दर्शा रहे हैं।
कांग्रेस उम्मीदवारों की फेहरिस्त में दूसरा नाम कांग्रेस के पूर्व पीपीसी सदस्य नागेन्द, सिंह का है जो नगर में पोस्टरों और बैनरों के जरिये अपनी दावेदारी को जोर शोर से पेश कर रहे हैं। यहां से एक और पार्टी कार्यकर्ता ज्ञानेश्वर मिश्र भी टिकट की लाईन में लगे हुये हैं। इसके अलावा कांग्रेस से 2010 में एम एल सी का चुनाव लड़कर बसपा का दामन थामने वाले नियात्र अहमद एक बार फिर कांग्रेस से टिकट की आस लगाये हुये हैं।
नियात्र अहमद 2014 देवरिया लोकसभा क्षेत्र से बसपा से चुनाव लड़कर भाजपा के दिग्गज नेता कलराज मिश्र को टक्कर देकर दूसरे नम्बर पर रहे थेलेकिन उन्होंने पिछले दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती पर आरोप लगाकर पार्टी को बाय-बाय कह दिया था। पार्टी सूत्रों के अनुसार नियात्र कांग्रेस से टिकट की चाह देख रहे हैं। देवरिया में विधानसभा क्षेत्र देवरिया, पथरदेवा, रामपुर कारखाना और फाजिलनगर में भाजपा विधायक है जबकि जबकि तमकुहींराज से कांग्रेस के विधायक हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर निर्भर है कि वह किस उम्मीदवार को इस सीट के लिये योज्ञता की कसौटी पर बेहतर मानती है।