ग्वालियर : कारगिल वीर सपूतों ने राष्ट्रसेवा का कार्य अपना सर्वोच्च बलिदान देकर सम्पन्न किया है। शहीदों का ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकता है। राष्ट्र के इतिहास में शहीद अमर रहता है और देशवासी उनकी याद व बलिदान को हृदय में संजोये रहते हैं। शहीद राष्ट्र की चेतना के स्रोत रहते हैं, उनसे प्रेरणा लेकर नई पीढियां अनुकरण करतीं है तभी राष्ट्र का सिर उंचा रहता है। उक्ताशय के विचार कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में महाराज बाडे पर आयेाजित कार्यक्रम में महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए 527 वीरों को श्रद्धाजलि अर्पित करते हुए व्यक्त किए।
नगर निगम ग्वालियर एवं कारगिल शहीद सरमन सिंह खेल एवं शिक्षा प्रसार संस्था के संयुक्त तत्वावधान में कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में महाराज बाडे पर रिमझिम बारिश के बीच कारगिल युद्व में शहीद हुए 527 वीरों को श्रद्वांजलि का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा कारगिल के शहीदों को पुष्पचक्र भेंट कर सलामी दी गई। जिसमें मुख्य रूप से महापौर विवेक नारायण शेजवलकर, कीर्तिचक्र कर्नल जोगिन्दर सिंह तंवर, साडा अध्यक्ष राकेश जादौन,
पुलिस उपमहानिरीक्षक एम एल वर्मा, पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन, जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के कैप्टन अशोक कुमार सिंह पलवार भारतीय नौसेना, लै. सुलेमान खान, मेजर सुनील पाठक, आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि कारगिल में जिन जवानों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है, उनको केवल हम नमन ही कर सकते हैं और उनसे प्रेरणा ले सकते हैं कि अपना जीवन अपने लिए नहीं अपितु अपने देश के लिए समर्पित करना चाहिए।
मुझे आश्चर्य होता है कि हमारे जवानों ने उन दुर्गम बर्फीले पहाडों पर जहां आॅक्सीजन की कमी है कैसे चढाई की और विजय प्राप्त की। यह युद्व इस बात का सबूत है कि हमारे जवानों में किस प्रकार का मनोबल है और किस लोहे के वह बने हुए हैं। इन वीरों के पराक्रम को मैं शत शत नमन करता हूं।
कीर्तिचक्र कर्नल जोगिन्दर सिंह तंवर ने कहा कि आज भारत का बच्चा बच्चा देश के कारगिल की गगनचुम्बी चोटियों के नाम से परिचित है, देश के बहादुर जवानों ने देश की सीमा की रक्षा में बलिदान होते हुए, देश के इतिहास को जिस प्रकार गौरवान्वित किया है उसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता है। युवा पीढी को वर्दी की इज्जत करनी चाहिए। कारगिल युद्व के सभी वीरों को मैं शत शत नमन करता हूं। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण देते हुए साडा अध्यक्ष राकेश जादौन ने कहा कि इन बलिदानी वीरों के विजयी उत्सव पर मेघ भी बरसा कर नमन कर रहे हैं।