पटना : बिहार में सभी गरीब परिवार चाहे वे किसी भी जाति/धर्म का क्यों न हो उसे प्रधानमंत्री आवास योजना एवं इंदिरा आवास योजना दिया जायेगा। एक जमाना था कि इंदिरा आवास द्वारा एक ही जगह 25-30 मकानें बना देता था जिसके कारण बहुत लोग अपना पुराना घर छोड़कर नहीं पहुंचते थे जिसके चलते बहुतों घर खाली रहता था आज उसकी स्थिति दयनीय हो गया है। ये बातें आज सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अधिवेशन भवन में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान सभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से मांग करेंगे कि जो इंदिरा अवास योजना का लाभ लिया है और किसी कारणवश अपना मकान नहीं बना सके तथा जो आवास बना हुआ है उसे भी नये सूची में शामिल किया जाये।
जिससे लोगों को आवास मिल सके। 2011 में सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण द्वारा केन्द्र सरकार को उन्हीं लोगों के पास सूची गया जो अपना नाम और मकान दर्शा सका। नयी एजेंसी एसीसी आयी थी वह बहुत लोगों का सर्वेक्षण नहीं कर सका जिसका लाभ सभी लोगों को नहीं मिल सका। केन्द्र सरकार 60 प्रतिशत और 40 प्रतिशत राज्य सरकार को देना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कोई योजना शुरू कीजिये मगर बिचौलिया से सावधान रहना चाहिए। जो आवास योजना में काम कर रहे हैं वे गरीब-गुरबा से पैसा नहीं मांगे, सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशि देगी।
जैसे ग्रामीण आवास प्रेक्षक को चार महीने में इंदिरा आवास का कार्य अगर समय पर पूरा कर लेते हैं तो उन्हें एक मकान में 70 रुपया प्रोत्साहन राशि दिया जायेगा। वहीं कार्यपालक सहायिका को समय पर मकान पूरा कर लेते हैं उन्हें प्रति मकान 30 रुपया प्रोत्साहन राशि दिया जायेगा। वहीं लेखा सहायक को समयपर पूराकर लेते हैं उन्हें भी प्रति मकान 30 रुपया दिया जायेगा। अब ये सभी पदाधिकारी समय पर मकान पूरा कर लेते हैं तो प्रति पदाधिकारी को चार महीने में 50 हजार रुपये से अधिक की कमाई हो जायेगी। जब सरकार आपको इतना रुपया दे ही रहा है तो आप गरीबों से क्यों रुपया मांगते हैं? वहीं जीविका सहायिका को उन्होंने कहा कि अगर कोई आदमी आप लोगों से पैसा मांगता है तो सभी महिला उन्हें घेरकर पूछिये कि आप क्यों पैसा मांगते हैं। और उनका मोबाइल से फोटो खींच लीजिये।