आंध्र प्रदेश की राजनीति में इन दिनों सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है। राज्य सरकार और प्रदेश निर्वाचन आयुक्त एन. रमेश कुमार के बीच तकरार दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। कुमार एक के बाद एक आदेश पारित किए जा रहे हैं और मंत्रियों व विधायकों की मौखिक प्रतिक्रियाएं भी लगातार सामने आ रही हैं।
गौरतलब है कि रविवार को हाई कोर्ट ने कुमार द्वारा पुलिस महानिदेशक गौतम सावंग को दिए उस आदेश को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने सावंग से कहा था कि वे पंचायत चुनाव समाप्त होने तक पंचायत राज मंत्री पी.आर. रेड्डी को अपने आवास पर ही रहने के लिए कहें। हालांकि, कुमार इसके बाद भी आदेश पारित करते रहे कि चुनावों के बाद अधिकारियों का तबादला नहीं किया जाना चाहिए।
इन घटनाक्रमों के मद्देनजर सत्तारूढ़ पार्टी – युवाजन श्रमिक ऋतु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने कुमार की आलोचना की थी। वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता अंबाती रामबाबू ने कहा कि आंध्र प्रदेश की उच्च अदालत ने आपके दो आदेशों के खिलाफ अपना आदेश दिया, कृपया इसका ध्यान रखें। कम से कम अब तो आप लक्ष्मण रेखा न लाघें और संविधान के अनुरूप आचरण करें। रामबाबू ने आगे कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो संविधान भी उन्हें नहीं बचा पाएगा।
इसी प्रकार, सर्वपल्ली क्षेत्र के विधायक के. गोवर्धन रेड्डी ने आरोप लगाया कि कुमार इस तरह से व्यवहार कर रहे हैं जिससे तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) को फायदा मिल सकता है। रेड्डी ने कहा कि अत्यधिक हस्तक्षेप के कारण हमने उन शिकायतों को स्वीकार कर लिया है जिसे पी.आर. रेड्डी और बी. सत्यनारायण ने उठाया था। इस बीच, पुलिस निरीक्षक से सांसद बने जी. माधव ने भी रिटायर्ड आईएएस अधिकारी कुमार को आड़े हाथों लिया है।
माधव ने कुमार पर आरोप लगाया कि वह तेलुगू फिल्म में ‘किल बिल पांडे’ की भूमिका निभाने वाले एक्टर ब्रह्मानंदनम जैसा व्यवहार कर रहे हैं। माधव ने उन्हें इस बात के लिए ताकीद भी की कि अगर वे अपनी हदों को पार करते हैं तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कोई भी मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की बराबरी नहीं कर सकता।