मध्य प्रदेश में कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप कम होने का दावा करते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने बुधवार को कहा कि महामारी की तीसरी लहर के खतरे के मद्देजनर चिकित्सा क्षेत्र का बुनियादी ढांचा बढ़ाया जा रहा है।
चौधरी ने यहां कोविड-19 के हालात की समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, “पिछले कुछ दिनों में राज्य में महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप कम हुआ है। अप्रैल के दौरान राज्य में महामारी की संक्रमण दर बढ़कर 25 प्रतिशत तक पहुंच गई थी जो फिलहाल घटकर 13.87 प्रतिशत रह गई है।” स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “महामारी की तीसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह सजग हैं। हम मरीजों के लिए चिकित्सीय ऑक्सीजन, बिस्तर, रेमडेसिविर इंजेक्शन और अन्य जरूरी चीजों की उपलब्धता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में चिकित्सीय ऑक्सीजन के 100 से ज्यादा संयंत्र स्वीकृत किए गए हैं और आठ जिलों में ये इकाइयां शुरू भी हो गई हैं। कोविड-19 से बचाव के लिए खासकर 18 से 44 साल की उम्र वाले लोगों के टीकाकरण की धीमी रफ्तार पर चौधरी ने कहा, “राज्य में इस आयु वर्ग के करीब 3.5 करोड़ लोग हैं। हम टीका निर्माता कम्पनियों और केंद्र सरकार की मदद से टीकों की उपलब्धता बढ़ाते हुए इस वर्ग का टीकाकरण तेज करने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि 20 मई के आस-पास प्रदेश सरकार को टीके की नौ लाख खुराकों की नयी खेप मिलने की उम्मीद है।बहरहाल, स्वास्थ्य मंत्री बार-बार पूछे जाने के बाद भी इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दे सके कि इन दिनों राज्य में कोरोना वायरस के कितने प्रकार सक्रिय हैं? उन्होंने कहा, “कोरोना वायरस के प्रकारों की जांच के लिए मध्यप्रदेश में कोई प्रयोगशाला नहीं है। हमने वायरस के प्रकार पता लगाने के लिए राज्य की बाहर की प्रयोगशाला में नमूने भेजे हैं।”