वामदलों ने लोकसभा चुनाव में विभिन्न राज्यों में विपक्षी दलों के गठबंधन की पहल कारगर नहीं हो पाने के लिये कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी के बाद अब माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी कहा है कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के अड़ियल रुख के कारण गठबंधन नहीं हो पाया और यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
येचुरी ने बताया, ‘‘पश्चिम बंगाल में जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके बावजूद वहां के लोगों को हमारी तरफ से बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस को ही हराने का संदेश दिया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस से गठबंधन नहीं हो पाने के बाद भी यह धारणा स्पष्ट है कि सिर्फ वाम दल ही बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस से लड़ने में सक्षम हैं।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल और बिहार में कांग्रेस से बात नहीं बन पाने के कारण वामदल अलग चुनाव लड़ रहे हैं। रेड्डी विपक्ष की उम्मीद के मुताबिक एकजुटता नहीं हो पाने के लिये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर पहले ही सवाल उठा चुके हैं। पश्चिम बंगाल और बिहार सहित अन्य राज्यों में विपक्षी दलों का गठबंधन नहीं हो पाने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष की नेतृत्व क्षमता पर उठ रहे सवालों को लेकर येचुरी ने कहा, ‘‘राहुल गांधी अपनी पार्टी के हितों को देखते हुए फैसले कर रहे हैं।
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हमारी सभी दलों से अपील है कि मूल उद्देश्य बीजेपी को हराने का होना चाहिये।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक पश्चिम बंगाल का मामला है, हमने अपनी तरफ से पूरी संजीदगी दिखाई लेकिन कांग्रेस ने इसे स्वीकार नहीं किया। हमारी प्राथमिकतायें स्पष्ट हैं और पश्चिम बंगाल के लोग इससे वाकिफ हैं। कांग्रेस की क्या प्राथमिकता है, यह कांग्रेस को तय करना है।’’
येचुरी ने कहा ‘‘बेशक… गठबंधन प्रक्रिया को कांग्रेस ने ठीक से नहीं लिया। ऐसा क्यों हुआ, इसका जवाब कांग्रेस ही दे पायेगी। बीजेपी विरोधी मतों को अधिकतम संख्या में अपने पक्ष में करना हमारी प्राथमिकता है, कांग्रेस को अपनी प्राथमिकता तय करना है।’’