पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली के लिए आंदोलन जारी रखने का संकल्प जताया।
हत्ररतबल और सोनवार के कुछ लोगों के पार्टी में शामिल होने के बाद सुश्री महबूबा ने पत्रकारों से कहा,‘‘हम अपनी पहचान बहाल करने और कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे, जिसके लिए हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई, हजारों बच्चे अनाथ हो गए और महिलाएं विधवा हो गयी।
उन्होंने कहा कि उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सैयद के नजरिये के साथ बनाई गई पीडीपी कश्मीर की अस्मिता वापिस हासिल करने में और राज्य में होने वाली हत्याओं को रोकने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना संघर्ष तब तक जारी रखेंगे जब तक हम तर्कसंगत लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते, परिस्थितियां कैसी भी हों, हम उनका डटकर मुकाबला करेंगे।’’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस दावे पर कि उत्तर प्रदेश में चुनाव हिंदुओं और मुसलमानों के बीच की लड़ाई है, मुफ्ती ने कहा कि उनके पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है। इसलिए वे हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेल रहे हैं।
उन्होंने यह भी सवाल किया कि जो लोग महात्मा गांधी के हत्यारों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है? उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर में सभी राजनीतिक दल रैलियां कर रहे हैं लेकिन पीडीपी कार्यकर्ताओं को कोविड-19 का बहाना बनाकर मुफ्ती मोहम्मद सैयद की कब, पर फातेहा पढ़ने से रोका जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या कोविड प्रतिबंध सिर्फ पीडीपी के लिए हैं?
आपको बता दे कि महबूबा मुफ्ती अपनी हर जनसभा में कश्मीर की जनता को धारा ३७० वापसी का ख्वाब दिखाती है। जिसे केंद्र सरकार पहले ही खत्म कर चुकी हैं। धारा 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में काफी कमी आई हैं।