झारखंड से बेबसी का ऐसा मामला सामने आया है, जो दिल को झकझोर के रख दे। राज्य के देवघर जिले में मां के अंतिम संस्कार के लिए पैसे जुटा पाने में असमर्थ मजदूर बेटा फांसी के फंदे से झूल गया। जिले के थाना क्षेत्र के चरकीपहाड़ी में हुई इस घटना से पूरा गांव स्तब्ध है।
मृतक किशन चौधरी की मां पिछले तीन साल से लकवाग्रस्त होने के कारण काफी बीमार रहती थी। लम्बे इलाज़ के कारण उसकी आर्थिक हालत बहुत ख़राब थी। किशन ने अपनी बीमार मां का बहुत इलाज़ कराया पर मां को बचा नहीं पाया।शुक्रवार को किशन चौधरी की मां की मौत हो गई। मां की मौत से किशन बुरी तरह टूट गया। मां के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दीं।
किशन के पास मां के अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थी, जिस कारण वह बहुत परेशान था। शनिवार सुबह किशन चौधरी ने कमरे में जाकर गेट बंद कर लिया। जब काफी देर तक वह बाहर नहीं आया तो घर वालों को संदेह हुआ। घर के ही एक सदस्य ने जब खिड़की से झांक कर देखा तो सब हैरान रह गए।
किशन ने कमरे में फांसी में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। 24 घंटे के अंदर एक ही परिवार के दो सदस्यों की अर्थी उठते देख गांव में मातम छाया हुआ है। पुलिस की ओर से की गई पूछताछ में परिजनों ने बताया कि मृत युवक दिहाड़ी मजदूरी का काम करता था। मृत किशन विवाहित था और उसके दो बेटे व एक बेटी भी है।
लॉकडाउन के कारण उसे प्रतिदिन मजदूरी का काम भी नहीं मिल पाने के कारण परिवार चलाने में भी कठिनाई हो रही थी। वह अपनी मां के वृद्धा पेंशन और सरकारी राशन पर निर्भर रह रहा था। मां की मृत्यु हो जाने के बाद उसके सामने दाह-संस्कार और श्राद्धकर्म के लिए लिए पैसे नहीं थे।