धर्मनगरी हरिद्वार में रविवार को कोहरे की चादर छाई रही। इससे ठंड में इजाफा हो गया। न्यूनतम तापमान में कमी आने से लोग घरों में रहने को मजबूर हुए। पूरा दिन लोग हाड़कंपाती ठंड से ठिठुरते नजर आए। वहीं, शहर के व्यापारी खाली टाइम में नगर निगम द्वारा विभिन्न स्थानों पर रखे गए अलाव के आगे हाथ सेक कर ठंड को कम करने की कोशिश करते दिखे।
रविवार को भी शहर की सड़कों और बाजारों पर सन्नाटा पसरा रहा। कड़ाके के ठंड का प्रकोप दूसरे दिन भी जारी रहा। शनिवार को जहां अधिकतम तापमान 10 और न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्यियस रहा। वहीं रविवार को न्यूनतम तापमान में एक डिग्री की गिरावट आयी। रविवार को अधिकतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस बना रहा, जबकि न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दोपहर बाद सड़कों पर वाहनों की आवाजाही दिखाई दी।
इधर ठंड से बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। व्यापारियों का कहना था कि वैसे तो इन दिनों ऑफ सीजन रहता है, हालांकि यात्रियों की चहल-पहल जरूर रहती है, लेकिन कोविड की तीसरी लहर की भय और जिला प्रशासन द्वारा लगायी गयी रोक के चलते धर्मनगरी हरिद्वार यात्री विहिन हो गयी है। यहां ढूंढे से भी यात्री नहीं दिख रहा है, जिस कारण बेहद मंदा भी हो गया है। सुबह से शाम तक दुकानों पर बोनी तक नहीं हो रही है। जिससे संकट खड़ा होने लगा है। हरिद्वार रेलवे रोड़ पर अलाव के आगे बैठकर हाथ सेकते हुए व्यापारी