उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को मतदान होगा। इसके लिए 21 जनवरी को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। 28 जनवरी को नामांकन की आखिरी तारीख है। इस चुनाव में पुष्कर सिंह धामी भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं। कांग्रेस ने इस चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। हालांकि, हरीश रावत कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी की ओर से कर्नल अजय कोठियाल मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के सामने किस तरह की चुनौतियां हैं और पुष्कर सिंह धामी अपनी जीत को लेकर कितना आश्वस्त हैं, इस बारे में पेश है उनसे खास बातचीत के अंश-
प्रश्न- क्या आप उत्तराखंड में वापसी कर रहे हैं?
उत्तर- बिलकुल हम आश्वत हैं, कहीं कोई दिक्कत नहीं है। हमने इस बार नारा दिया है इस बार 60 पार, सिर्फ बीजेपी ही वापसी करेगी।
प्रश्न-आपको लगता है कि हरीश रावत के साथ कड़ा मुकाबला हैं आपका?
उत्तर- कोई मुकाबला नहीं है। जिनकी अपनी पार्टी में कोई स्वीकार्यता नहीं है, उनसे क्या मुकाबला। इस समय हमारा किसी से मुकाबला नहीं हैं। जो अपनी पार्टी कांग्रेस को नहीं संभाल पा रहे, वो क्या उत्तराखंड संभालेंगे? जनता उनको उत्तराखंड संभालने का अवसर नहीं देगी।
प्रश्न-तो सबसे बड़ी चुनौती किसे मान रहे हैं, किससे मुकाबला है ?
उत्तर- मुकाबला किसी से नहीं है इस समय, कांग्रेस पार्टी खुद में छिन्न भिन्न हैं, इतने ग्रुप आपस में बने हुए है। रावत जी 1999 से लेकर अभी तक मात्र एक चुनाव जीत पाये हैं। उन्होंने देख लिया है कि उनकी सरकार रहते हुए उन्होंने जो काम किये, जनता ने उन्हें दो-दो जगह से हराया, अब जो आदमी मुख्यमंत्री रहते हुए दो-दो चुनाव हार गए, उनसे क्या मुकाबला? और आम आदमी पार्टी का यहां कोई जनाधार नहीं है। इसलिए हमने कहा कि इस बार 60 पार।
प्रश्न- तो जो एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर है, क्या मुश्किल में डाल सकता है?
उत्तर- हमारी पार्टी वही काम करती है जो जनता के हित में हो। मेरा लक्ष्य प्रदेश के अंतिम व्यक्ति को खुशहाली देने का रहा है। बातें काम और काम ज्यादा का मन्त्र लेकर हमने काम किया है। ऐसे में जब सभी लोग सरकार से खुश हैं, तो एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर का कोई मतलब नहीं है। आप सभी सर्वे चेक कर लीजियेगा, सभी में हम आगे हैं ।
प्रश्न- आपके ऊपर टिकट बाँटने का दबाव है, इस समय पार्टी में?
उत्तर- ठीक है, एक प्रक्रिया है। जो परिस्थितियों के साथ ठीक बैठेगा वही होगा। हमारी पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में सभी अपनी भूमिका पूरी आस्था से निभाते हैं, तो इसमें किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं है।