चीन को फूटी आंख ना सुहाने वाले तिब्बती धर्म गुरू दलाईलामा को भारत ने लद्दाख नागरिक के सर्वोच्च नागरिक के सम्मान से नवाजा है। दलाईलामा को यह सम्मान लद्दाख स्वायत पहाड़ी द्वारा प्रदान किया गया हैं। तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को मानवता की सेवा के क्षेत्र में उनके अपार योगदान के लिए लद्दाख के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘डीपाल आरएनजीम डस्टन’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
केंद्र प्रदेश के लिए योगदान को देखते हुए पहाडी विकास परिषद ने सम्मान से नवाजा
दलाई लामा (87) को यह पुरस्कार विशेषकर केंद्र शासित प्रदेश के लिए उनके योगदान को देखते हुए लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी) द्वारा प्रदान किया गया है। एलएएचडीसी के स्थापना दिवस के मौके पर शुक्रवार को सिंधु घाट पर तिब्बती आध्यात्मिक गुरु को ‘डीपाल आरएनजीम डस्टन’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
लद्दाख व तिब्बत सांस्कृतिक समानता के लिए शक्तिशाली नदी सिंधु नदी से जुड़े
दलाई लामा 15 जुलाई से ही लद्दाख के दौरे पर हैं। उन्होंने इस पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर खुशी जताते हुए कहा है कि क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भावना बनाए रखना बेहद आवश्यक है। तिब्बती आध्यात्मिक गुरु ने कहा, लद्दाख और तिब्बत धार्मिक और सांस्कृतिक समानता के साथ शक्तिशाली सिंधु नदी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि बदलती हुई जलवायु स्थिति चिंता का एक प्रमुख कारण है और उन्होंने सभी से अपने कार्य में पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का आग्रह किया है।
सेंरिंग ने भारत सरकार से की दलाईलामा को रत्न से नवाजे जाने की मांग
लद्दाख के सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल ने कहा कि लद्दाख को इस शुभ अवसर पर 14वें दलाई लामा को अपना सर्वोच्च पुरस्कार प्रदान करने का अवसर मिला है। सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल और एलएएचडीसी के प्रमुख ने दलाई लामा को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने की अपील की है।