साल 2009 में पन्ना में बाघ पूरी तरह से खत्म हो गए थे. बाघों की दुनिया को पुनः आबाद करने ‘टाइगर रीलोकेशन प्रोग्राम’ चलाया गया, जो काफी सफल रहा।इस प्रोग्राम के जरिए बाघों की संख्या बढ़कर 50 से ज्यादा हो गई है. हालांकि, अब बाघों के मरने की खबरें आने लगी हैं।पन्ना में एक युवा बाघ की पेड़ से फांसी लगने से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाने से हड़कंप मचा हुआ है।
बाघ के गले में फंदा लटकाकर हत्या, वन विभाग में मचा हड़कंप
विक्रमपुर की तिलगवा बीट में एक बाघ फांसी के फंदे से लटका मिला।विक्रमपुर नर्सरी के पास इस बाघ का शव मिलने से खलबली मच गई है।देश की यह पहली घटना होगी जब किसी बाघ की फांसी लगने से मौत हुई है।
मध्य प्रदेश के पन्ना में मचा हड़कंप
2 वर्ष के नर बाघ की मौत बेहद चिंता का विषय है।मामला शिकार से जुड़ा हो सकता है. इस कारण वन विभाग भी गंभीर है।लेकिन, इस मौत ने कई प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं।पहला सवाल तो यह कि आखिर बाघ पेड़ से कैसे लटक गया?
संदिग्ध परिस्थितियों में हुई बाघ की मौत
देश की यह पहली घटना होगी जब एक बाघ की फांसी लगने से मौत हुई है।जानकारी के मुताबिक, बाघ का शव चार दिन तक पेड़ पर लटका रहा।इस संदिग्ध मामले की वन विभाग जांच करने में लगा है. साथ ही, एसटीएफ टाइगर टीम और बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं।
जाँच पड़ताल में जुटा वन विभाग
मौत ने कई प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं।पहला सवाल तो यह कि आखिर बाघ पेड़ से कैसे लटक गया? क्या लगातार हो रही बाघों की मौत पन्ना के लिए खतरे की घंटी है? जो शिकारी आसपास मौजूद हैं, उनपर शिकंजा क्यों नहीं कसा जा रहा?स संदिग्ध मामले की वन विभाग जांच करने में लगा है. साथ ही, एसटीएफ टाइगर टीम और बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं. वन विभाग में हड़कंप मचा है।