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टाइम पत्रिका ने मोदी पर बहुत लिहाजा किया : कमलनाथ

मैं तो उन्हें जानता भी नहीं, उनकी शकल तक नहीं देखी। जिनके यहां ये सारी चीजें पकड़ी गई, उसने तो मीडिया में बयान भी दिया कि वे भाजपा के हैं।’ 

टाइम पत्रिका द्वारा अपने मुख पृष्ठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘डिवाइडर इन चीफ’ करार दिए जाने को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तंज कसा है और कहा है कि ‘टाइम’ पत्रिका ने जो टाइटल दिया है, वह बिल्कुल सही है, फिर भी पत्रिका ने उन पर बहुत लिहाज किया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को आईएएनएस के साथ खास बातचीत में ‘टाइम’ पत्रिका में प्रधानमंत्री मोदी पर छापे गए आलेख को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, ‘उन्होंने (मोदी) किस चीज को डिवाइड नहीं किया। आरबीआई को डिवाइड किया, सीबीआई को डिवाइड किया, सीएजी को डिवाइड किया, न्याय पालिका को डिवाइड किया, चुनाव आयोग को डिवाइड किया।

हर चीज को डिवाइड करो और झगड़ा कराओ।’ उन्होंने आगे कहा, ‘टाइम पत्रिका ने जो टाइटिल दिया, वह बिल्कुल सही है। मैं तो कहता हूं कि फिर भी बहुत लिहाज किया, उन्होंने बहुत मेहरबानी की है मोदी पर।’ देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री कमलनाथ पर हमला किया है।

इसपर उन्होंने कहा, Òबीते 34 सालों में किसी ने मेरे ऊपर आरोप नहीं लगाया। किसी ने एफआईआर दर्ज नहीं की। इन्होंने कितने जांच आयोग बनाए, उनमें से किसी आयोग ने मुझे दोषी नहीं ठहराया। अब प्रधानमंत्री यह आरोप लगा रहे। यह तो हद हो गई।’ बीते चार दशक से ज्यादा समय से राजनीति में सक्रिय कमलनाथ को प्रधानमंत्री की भाषा पर सख्त ऐतराज है। उन्होंने मोदी द्वारा विपक्षी दलों पर लगाए जा रहे आरोपों और उनके लिए उपयोग में लाई जा रही भाषा पर कहा, ‘देश तो छोड़िए विश्व में भी कभी ऐसा नहीं हुआ। इस तरह की भाषा का आज तक कहीं इस्तेमाल नहीं किया गया है। जिस स्तर पर वह (नरेंद्र मोदी) भाषा और प्रचार को लेकर आए हैं, विश्व में प्रजातंत्र में ऐसा कभी और कहीं नहीं हुआ।’ देश में आमचुनाव के छह चरण और राज्य में तीन चरण संपन्न हो चुके हैं।

अब चुनाव पाकिस्तान, राजीव गांधी सहित अन्य निजी मुद्दों पर आ गया है। जब कमलनाथ से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह बड़े दुख की बात है, क्योंकि चुनाव होना चाहिए विकास के मुद्दे पर। जो पार्टी सरकार चला रही थी, उसने जो वादे किए थे, उनका जवाब व हिसाब नहीं दे पा रही है। इसलिए कभी राजीव गांधी तो कभी देश की सुरक्षा, कभी राष्ट्रवाद को वे ले आएंगे। कभी राहुल गांधी को विदेशी बताने लगेंगे। यह ध्यान मोड़ने की कलाकारी की राजनीति है।’

कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में ‘न्याय’ योजना के तहत गरीब परिवारों को 72 हजार रुपये साल, छह हजार रुपये माह और पांच साल में तीन लाख 60 हजार रुपये देने का वादा किया है। इस बारे में कमलनाथ ने कहा, ‘न्याय योजना देश के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी। हर गरीब परिवार को आर्थिक लाभ होने से आर्थिक गतिविधि की नई शुरुआत होगी। इस योजना से यह नहीं है कि गरीब परिवारों को पैसा मिल जाएगा, वास्तव में अर्थव्यवस्था में यह एक इंजेक्शन होगा।’ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कमलनाथ ने लगभग एक साल पहले जब जिम्मेदारी संभाली थी, तब राज्य में कांग्रेस पूरी तरह बिखरी हुई थी। पार्टी की पहचान गुट हुआ करते थे।

पार्टी को आखिर एकजुट कैसे किया? मुख्यमंत्री ने कहा, ‘असल बात यह है कि मेरे राजनीतिक जीवन में मेरा अपना कोई गुट नहीं रहा, न कोई गुट बनाया, सब गुट मेरे हैं और मैं सब गुट का हूं। इसलिए कोई दिक्कत नहीं है।’ कमलनाथ के बारे में राज्य की सियासत में एक बात कही जाती है कि जब अर्जुन सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाना था, तब उन्होंने बड़ी मदद की थी और उसके बाद दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री बनाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। वर्तमान किसी भी गुट से नाता रखने वाला नेता खुलकर उनसे टकराने का साहस नहीं जुटा पाता। राज्य का हर बड़ा नेता किसी न किसी रूप में उनका कर्जदार है।

सत्ता संभालने के दिनों के हालात के बारे में कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने तक 75 दिन ही मिले। जब सत्ता मिली थी, तब किसान आत्महत्या, दुष्कर्म, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध के मामले में राज्य देश में पहले पायदान पर था। ऐसा प्रदेश भाजपा ने हमें सौंपा था। इस स्थिति में सबसे पहले हमें किसानों का कर्ज माफ करना था। लगभग 50 लाख किसानों का कर्ज कैसे माफ किया जाए, किस तरह का सिस्टम बनाया जाए, इसकी कार्रवाई शुरू की।

21 लाख किसानों का कर्ज अबतक माफ हो चुका है।’ भाजपा और खासकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कर्जमाफी पर उठाए गए सवाल का कांग्रेस व राज्य सरकार की ओर से आक्रामक तरीके से जवाब दिया गया है। कभी सुरक्षात्मक तरीके से काम करने वाली कांग्रेस अचानक आक्रामक हो गई? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘झूठ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, भाजपा की जो झूठ की लहर है, झूठ की शक्ति है, वे झूठ बोलकर कुछ भी करते हैं। हम उसका डट कर विरोध करेंगे और आक्रामक रूप से विरोध करेंगे। झूठ की पोल खोलेंगे।’

पिछले दिनों मध्य प्रदेश में आयकर विभाग के छापों में कई स्थानों पर करोड़ों रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ था। जिन लोगों के यहां छापे पड़े थे, उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से लेकर भाजपा तक ने कमलनाथ का करीबी बताया और उनपर हमले किए। छिंदवाड़ा से लोकसभा के लिए नौ बार निर्वाचित हो चुके कमलनाथ ने कहा, ‘वे बताएं कौन-से लोग मुझसे जुड़े थे, जिनके यहां ये पैसे और कागज मिले। मैं तो उन्हें जानता भी नहीं, उनकी शकल तक नहीं देखी। जिनके यहां ये सारी चीजें पकड़ी गई, उसने तो मीडिया में बयान भी दिया कि वे भाजपा के हैं।’

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