मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के कई छात्रों ने परिसर के बाहर भारतीय जनता पार्टी की युवा शाखा के विरोध के बीच 2002 के गोधरा दंगों पर बीबीसी का विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री देखा। पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि छात्रों ने पहले डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ की एक सामूहिक स्क्रीनिंग की व्यवस्था करने की योजना बनाई थी, लेकिन उन्होंने संस्थान द्वारा चेतावनी के बावजूद इसे शनिवार को लैपटॉप और मोबाइल फोन पर एक निश्चित समय और स्थान पर देखा। अधिकारी ने बताया कि वहीं परिसर के बाहर पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
विदेश मंत्रालय ने इसे ‘दुष्प्रचार सामग्री’ करार देते हुए कही बड़ी बात
इसके बारे में जानकारी भाजपा की युवा शाखा के कार्यकर्ताओं को हो गई और वे परिसर के बाहर पहुंच गए। शाखा के कार्यकर्ताओं ने वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग रद्द करने की मांग की और संस्थान के खिलाफ नारेबाजी की। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह सोशल मीडिया मंच ट्विटर और यूट्यूब को ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक इस डॉक्यूमेंट्री के लिंक को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था।विदेश मंत्रालय ने इसे ‘दुष्प्रचार सामग्री’ करार देते हुए कहा था कि इसमें तटस्थता की कमी है और औपनिवेशिक मानसिकता झलकती है।