पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शनिवार को दावा किया कि त्रिपुरा में अलग-अलग घटनाओं में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों द्वारा उनके वाहन और पार्टी कार्यालय पर कथित रूप से हमला किए जाने से उसके कम से कम 7 नेता और कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और प्रमुख नेताओं कुणाल घोष सहित तृणमूल के कई नेताओं ने इन घटनाओं पर सिलसिलेवार ट्वीट किए और हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की।
बनर्जी ने एक ट्वीट में कहा, भाजपा त्रिपुरा के गुंडों ने अपना असली रंग दिखाया है! तृणमूल कार्यकर्ताओं पर इस बर्बर हमले से भाजपा बिप्लब (मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब) सरकार के तहत त्रिपुरा में ‘गुंडा राज’ का पता चलता है! आपकी धमकियां और हमले ही आपकी अमानवीयता को साबित करते हैं। वही करें जो आप कर सकते हैं। तृणमूल एक इंच भी नहीं हिलेगी। बनर्जी के काफिले पर भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को त्रिपुरा की यात्रा के दौरान कथित तौर पर हमला किया था, जो लोकसभा सदस्य भी हैं।
Tomorrow, I am coming to #Tripura to stand by every Trinamool worker who were brutally attacked by @BJP4Tripura goons today.
It is my promise that I shall continue fighting till the very last drop of my blood.
STOP ME IF YOU CAN @BjpBiplab!#TripuraDeservesBetter
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) August 7, 2021
घोष ने कहा कि धलाई जिले के अंबासा में भाजपा कार्यकतार्ओं द्वारा किए गए हमले में पश्चिम बंगाल के युवा नेता देबांग्शु भट्टाचार्य, सुदीप राहा और जया दत्ता सहित पार्टी के सात नेता और कार्यकर्ता घायल हो गए। उन्होंने कहा कि उत्तरी त्रिपुरा जिले के धर्मनगर में सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकतार्ओं ने तृणमूल पार्टी के कार्यालय को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। हमलावरों को गिरफ्तार करने के बजाय, पुलिस ने शनिवार रात धर्मनगर में सुबल भौमिक सहित हमारे कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। हम जल्द ही राज्यपाल (सत्यदेव नारायण आर्य) से मिलकर भाजपा के गुंडों की गिरफ्तारी की मांग करेंगे। तृणमूल भाजपा सरकार के जंगलराज को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
विपक्षी माकपा ने भी तृणमूल पर कथित हमले की निंदा करते हुए कहा है कि मार्च 2018 से राज्य में भाजपा सरकार के तहत लोकतंत्र का पूरी तरह से गला घोंट दिया गया है। हालांकि भाजपा ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है। भाजपा कार्यकर्ता नबेंदु भट्टाचार्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के 500 से अधिक पार्टी कार्यकतार्ओं और सदस्यों ने त्रिपुरा में शरण ली, जबकि सैकड़ों अन्य लोग मई में विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद बंगाल में तृणमूल कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किए जाने के बाद असम चले गए। उन्होंने धर्मनगर और अमबासा की उच्चस्तरीय जांच कराने की भी मांग की।