बंगाल चुनाव से पहले हर दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहा है कि चुनाव में कोई कमी न रह जाए। इसी कड़ी में तृणमूल कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को यहां चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और आरोप लगाया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वितरित कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्रों और विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं के विज्ञापनों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।
राज्य के मंत्री फरहाद हाकिम ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से बैठक के बाद कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने इसे ‘‘सरकारी मशीनरी का जबरदस्त दुरुपयोग’’ बताया है और पेट्रोल पंपों पर लगी केन्द्र सरकार की योजनाओं के विज्ञापन वाली होर्डिंग्स को हटाने के लिए चुनाव आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस विधानसभा चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक रहने वाले है। एक राजनेता के रूप में, वह रैलियों के दौरान अपनी पार्टी के लिए समर्थन मांग रहे हैं।
इस स्थिति में, टीकाकरण प्रमाणपत्रों में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने जैसा है। हाकिम ने कहा, ‘‘हमने पेट्रोल पंपों पर केंद्रीय योजनाओं के विज्ञापन वाली होर्डिंग्स में उनकी (मोदी) तस्वीर हटाने के लिए चुनाव आयोग के हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने मंगलवार को कहा था कि चुनावों की घोषणा हो चुकी है। प्रधानमंत्री की तस्वीर कोविड-19 दस्तावेजों पर अभी भी दिखाई दे रही है। तृणमूल कांग्रेस चुनाव आयोग के समक्ष इसे मजबूती के साथ उठा रही है।
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने इन्हें ‘‘आधारहीन’’ बताया और कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले टीकाकरण अभियान शुरू हो गया था। घोष ने कहा, ‘‘यदि कोई सरकारी परियोजना चुनाव की घोषणा से पहले शुरू होती है, तो यह उसी रूप में जारी रह सकती है। पेट्रोल पंपों पर, होर्डिंग्स में केंद्र की कई कल्याणकारी परियोजनाओं का विज्ञापन किया गया हैं।’’ उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग इस मुद्दे को देखेगा। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे जिसकी शुरूआत 27 मार्च से होगी। मतगणना दो मई को होगी।