पश्चिम बंगाल में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत के बाद पार्टी की पहली संगठनात्मक बैठक शनिवार को होने वाली है जिसमें ‘‘भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की प्रतिशोध की राजनीति’’ का मुकाबला करने के लिए रणनीति बनाए जाने की संभावना है। टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के प्रतिशोधात्मक रवैये का मुकाबला करने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करेगी।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई ममता बनर्जी सरकार को परेशान करने में लगा हुआ है। बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सुब्रत बख्शी, सौगत रॉय, शोभनदेब चट्टोपाध्याय, महुआ मोइत्रा और पार्टी के युवा इकाई प्रमुख अभिषेक बनर्जी के साथ-साथ पार्टी के प्रचार सलाहकार प्रशांत किशोर सहित सभी वरिष्ठ टीएमसी नेताओं के भाग लेने की उम्मीद है। बैठक में आगामी उपचुनावों के लिए पार्टी की रणनीति पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसमें कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा सीट के लिए चुनाव शामिल हैं जहां से बनर्जी के चुनाव लड़ने की उम्मीद है।
टीएमसी नेताओं ने कहा कि बैठक में इस बात पर विचार-विमर्श किया जाएगा कि पार्टी नेतृत्व को केंद्रीय नेतृत्व द्वारा परेशान करने के प्रयास से राजनीतिक रूप से कैसे निपटा जाए जिसमें उसके द्वारा राज्य के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय सहित राज्य की नौकरशाही को निशाना बनाना, टीएमसी नेताओं के खिलाफ सीबीआई छापेमारी और चुनाव बाद की हिंसा की छिटपुट घटनाओं को सांप्रदायिक विमर्श प्रदान करने का प्रयास शामिल है।
सूत्रों ने कहा कि टीएमसी को परेशान करने के प्रयासों की ओर जनता का ध्यान केंद्रित करने के लिए एक जन अभियान पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक में पार्टी के विकास कार्यो के मुद्दे पर भी विचार-विमर्श होने की संभावना है, जिसे राज्य सरकार द्वारा लागू किया जा रहा है जिसमें चक्रवात यास के बाद लोगों की मदद करने के लिए नव घोषित दुआरे त्राण (आपके दरवाजे पर राहत) शामिल है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, पार्टी की युवा इकाई प्रमुख अभिषेक बनर्जी और वरिष्ठ नेता सुब्रत बख्शी मार्गदर्शन करेंगे कि इन सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों को कैसे लागू किया जाए और चक्रवात और कोविड से प्रभावित गरीबों को मदद पहुंचाई जाए।