तृणमूल कांग्रेस का छह सदस्यीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को दिल्ली में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। पार्टी सूत्रों ने बताया कि यह मुलाकात पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी पर कथित हमले से उपजी चिंता को लेकर हुई। इस प्रतिनिधिमंडल में डेरेक ओ ब्रायन, सौगत रॉय, काकोली घोष दस्तीदार, शताब्दी रॉय, प्रतिमा मंडल और शांतनु सेन शामिल थे।
निर्वाचन आयोग से मुलाकात के बाद टीएमसी नेता सौगत राय ने कहा कि आज TMC की एक टीम ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। हमने कहा कि ममता बनर्जी पर जो हमला हुआ जिसमें उनको चोट लगी इसके साथ किसी घटना का लिंक है। ममता जी पर हमला हुआ तब पुलिस का कोई एसपी वहां नहीं था। हमने उच्चस्तरीय जांच की मांग की। चुनाव आयोग ने कहा है हम इसे देखेंगे।
तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि दल ने निर्वाचन आयोग से कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नंदीग्राम में चोटिल होना ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’’ नहीं है, बल्कि साजिश है। उन्होंने कहा कि हम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के नंदीग्राम में चोटिल होने की घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को नुकसान पहुंचाने की ‘‘साजिश’’ की बात पर जोर देने के लिए ममता बनर्जी के खिलाफ भाजपा नेताओं के ट्वीट और टिप्पणियों के बारे में निर्वाचन आयोग को जानकारी दी।
तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग की पूरी टीम से मुलाकात की, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा भी शामिल थे। एक घंटे से भी अधिक वक्त तक चली मुलाकात में तृणमूल के नेताओं ने आयोग को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि किस प्रकार से पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं ने ट्वीट और बयानों के जरिए मुख्यमंत्री को धमकी दी थी। तृणमूल ने अपने ज्ञापन में आगामी विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से भाजपा के उम्मीदवार शुभेन्दु अधिकारी पर आरोप लगाए हैं।
ज्ञापन में कहा गया है कि, ‘‘बनर्जी पर जानलेवा हमला किया गया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गयीं। उसे ढंकने के लिए फर्जी प्रत्यक्षदर्शियों को आगे लाया गया। प्रत्यक्षदर्शी चितरंजन दास और देवव्रत दास ने कहा कि बनर्जी की कार एक लोहे के खंभे से टकरा गई। ये गवाह शुभेन्दु अधिकारी से जुड़े हुए हैं।’’
इससे पहले, बृहस्पतिवार को प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कोलकाता में निर्वाचन अधिकारियों से मुलाकात की थी और बाद में आरोप लगाया था कि ‘‘बनर्जी पर संभावित हमले की खबरों के बावजूद चुनाव आयोग ने कुछ नहीं किया।’’ उन्होंने दावा किया कि यह हमला ‘‘तृणमूल सुप्रीमो की जान लेने की गहरी साजिश थी।’’ पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि ‘‘भाजपा ने नंदीग्राम में हिंसा करने के लिए पड़ोसी राज्यों से असामाजिक तत्वों को बुलाया था।’’