तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने पार्टी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सर्वसम्मति से संसदीय दल की अध्यक्ष चुना है। दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की गई। इससे बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय स्तर पर अन्य विपक्षी दलों के साथ समन्वय की स्थिति में होंगी।
2011 में मुख्यमंत्री बनने से पहले सात बार सांसद रहीं बनर्जी को संसदीय दल के अध्यक्ष के रूप में चुनने से महज दो दिन पहले ही उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी सरकार को हराने की अपील की थी। बनर्जी संसद सदस्य नहीं हैं।
दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि बनर्जी लंबे समय से तृणमूल संसदीय दल के पीछे प्रेरक शक्ति रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम वास्तविकता को औपचारिक रूप दे रहे हैं, बस। हमारी अध्यक्ष सात बार संसद सदस्य रही हैं। उनके पास वह दृष्टिकोण है जिससे वह संसदीय दल का मार्गदर्शन कर सकती हैं। उनके पास अनुभव और अंतर्दृष्टि है। वह वैसे भी हमारा मार्गदर्शन कर रही थीं।’’
तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि यह निर्णय सैद्धांतिक एवं रणनीतिक स्तर पर लिया गया है। ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘वह हमेशा संपर्क में रहती हैं। हम ज्यादा सशक्त महसूस कर रहे हैं।’’
पार्टी के सांसदों के साथ दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और बनर्जी के भतीजे की बैठक के एक दिन बाद यह निर्णय किया गया।
लोकसभा में टीएमसी के 22 सांसद हैं जो भाजपा, कांग्रेस, द्रमुक और वाईएसआर कांग्रेस के बाद निचले सदन में चौथी सबसे बड़ी पार्टी है। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के 11 सदस्य हैं जो भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
टीएमसी राज्यसभा के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर राय ने कहा, ‘‘वर्तमान राजनीतिक स्थिति में यह काफी महत्वपूर्ण प्रगति है क्योंकि संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति से विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं तक पहुंच में मदद मिलेगी और देश भर में हमें अपना आधार बढ़ाने में भी सहयोग मिलेगा।’’
बहरहाल, उन्होंने कहा कि टीएमसी के संविधान के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति सांसद नहीं भी है तो उसके संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनने में कोई दिक्कत नहीं है।
नयी दिल्ली के बनर्जी के दौरे से दो दिन पहले उन्हें संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है जहां वह विपक्षी मोर्चा पर विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करने वाली हैं।
उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने का भी कार्यक्रम है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि बनर्जी के अगला प्रधानमंत्री बनने का टीएमसी का सपना जल्द ही चकनाचूर हो जाएगा।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद से बनर्जी स्वयं को एक ऐसे नेता के तौर पर स्थापित करने का प्रयास कर रही हैं जो विपक्षी विमर्श की अगुवाई कर सके, एक ऐसा काम जो लंबे समय से कांग्रेस करती आ रही है।
संसद में कांग्रेस के घटते संख्या बल और वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में तृणमूल की शानदार जीत एवं आम चुनाव में प्रदर्शन के बूते, दल विपक्ष की आवाज के तौर पर कांग्रेस की जगह लेना चाहता है।
बनर्जी को संसदीय दल की अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा तृणमूल के शहीद दिवस कार्यक्रम के बाद हुई जिसमें विपक्षी दलों के शीर्ष नेता शामिल हुए थे।
ब्रायन ने कहा कि यह फैसला अवधारणात्मक और रणनीतिक दोनों ही स्तरों पर लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘वह हमेशा साथ खड़ी होती हैं। हम और सशक्त महसूस कर रहे हैं।’’
तृणमूल नेता ने कहा कि पार्टी के सभी सांसदों ने बनर्जी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुना है।