लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

बंगाल के बाहर पैर पसारने की तैयारी में TMC, त्रिपुरा में संगठन खड़ा करने में जुटी ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत से गदगद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नजरें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित त्रिपुरा पर हैं जहां पार्टी को लगता है कि वह 2023 की शुरुआत में होने वाले चुनाव में मजबूत बढ़त हासिल कर सकती है।

इस साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत से गदगद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नजरें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित त्रिपुरा पर हैं जहां पार्टी को लगता है कि वह 2023 की शुरुआत में होने वाले चुनाव में मजबूत बढ़त हासिल कर सकती है।
इसी के मद्देनजर टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी समेत पार्टी के कई नेता लगातार त्रिपुरा आ रहे हैं और पार्टी के लिए आधार तैयार करने व संगठन को स्वरूप प्रदान करने में लगे हुए हैं। पार्टी को उम्मीद है कि वाम दलों एवं कांग्रेस द्वारा छोड़े गए स्थान की वजह से मौजूदा सरकार से नाखुश लोग उसका रुख करेंगे और इस तरह टीएमसी राज्य में अपने पैर जमा पाएगी।
पार्टी नेताओं की पूर्वोत्तर राज्य में मौजूदगी भाजपा की पश्चिम बंगाल रणनीति को अपनाने की कोशिश लगती है। टीएमसी का दावा है कि वह सत्ता पर आसानी से काबिज हो जाएगी। पार्टी ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था की बदतर हालत है, रोजगार सृजन निचले स्तर पर है और सत्तारूढ़ भाजपा के कार्यकर्ताओं ने आतंक मचाया हुआ है।
टीएमसी की रैलियां और कार्यक्रमों को लगातार लोगों का एक समूह निशाना बना रहा है, जिनके बारे में पार्टी का आरोप है कि वे ‘भाजपा के संरक्षित गुंडे’ हैं। हालांकि भाजपा ने आरोपों से इनकार किया है। बनर्जी के काफिले पर तीन बार हमला किया गया है।
पश्चिम बंगाल से पार्टी के दो सांसदों – डोला सेन और अपरूपा पोद्दार पर भी दक्षिण त्रिपुरा जिले में स्वतंत्रता दिवस पर हमला किया गया था। पर्यवेक्षकों का कहना है कि टीएमसी को हमलों की वजह से कुछ लाभ और सहानुभूति मिल सकती है, लेकिन क्या वे इसे वोटों में तब्दील कर पाएगी या नहीं, ये देखना होगा। उसे संगठन खड़ा करना होगा जो अभी शुरुआती चरण में हैं।
बनर्जी और टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं, खासकर भगवा दल में मौजूद पूर्व कांग्रेसियों और माकपा के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए रिझाने की कोशिश में हैं। देखना होगा कि यह प्रयास कहां तक सफल होता है।
बनर्जी ने कहा है कि दिसंबर के अंत तक राज्य के सभी बूथों पर समितियों का गठन कर दिया जाएगा। भाजपा की त्रिपुरा इकाई ने 13 अगस्त को राज्य में ‘अराजक स्थिति’ पैदा करने के लिए तृणमूल कांग्रेस पर साजिश रचने का आरोप लगाते हुए ‘धिक्कार दिवस’ मनाया।
त्रिपुरा भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा कि टीएमसी, बंगाल की एक क्षेत्रीय पार्टी है जो त्रिपुरा में प्रवेश करने की कोशिश करके एक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए उसे राष्ट्रीय स्तर पर कम से कम छह फीसदी मत प्रतिशत की आवश्यकता है। त्रिपुरा भाजपा महासचिव टिंकू रॉय को लगता है कि टीएमसी नेता राज्य की राजनीति के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं।
टीएमसी की 1998 में अपनी स्थापना से त्रिपुरा में कोई चुनावी मौजूदगी नहीं रही। 2016 में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व में पार्टी के छह विधायकों ने दल बदल कर टीएमसी का दामन थाम लिया था। मगर 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले ये विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे लेकिन एक को भी जीत नसीब नहीं हुई थी और उसे महज़ 0.3 फीसदी वोट मिले। वहीं भाजपा ने 36 सीटें जीती थीं और उसे 43.59 फीसदी मत हासिल हुए थे। हालांकि करीब 25 साल तक सत्ता में रहने वाली माकपा को 42 प्रतिशत वोट प्राप्त होने के बावजूद सिर्फ 16 सीटें मिली थीं। इंडिजीनियस प्रोग्रेसिव रीज़नल अलायंस (आईपीएफटी) को आठ सीटें मिली थी और वह अब भाजपा के साथ गठबंधन में है। वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस को बुरी तरह से शिकस्त का सामना करना पड़ा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nineteen − eighteen =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।