मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार गुरुवार को होगा।चौहान ने मीडिया के सवालों के संक्षिप्त जवाब में कहा कि आज राज्यपाल की शपथ होगी और कल यानी गुरुवार को मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।
इसी से संबंधित एक सवाल के जवाब में चौहान ने कहा‘‘मंथन से अमृत ही निकलता और विष तो शिव पी जाते हैं।‘’ दरअसल मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर पिछले पांच छह दिनों से कवायद चल रही है और मुख्यमंत्री चौहान स्वयं भी दिल्ली में सभी वरिष्ठ भाजपा नेताओं से मिलकर आए हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में जहां कुछ समय पहले भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों का ध्यान रखा जा रहा है, वहीं माना जा रहा है कि इस बार नए चेहरों को भी काफी तवज्जो मिलेगी।
राज्य में मार्च माह के राजनैतिक घटनाक्रमों के चलते वरिष्ठ नेता सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था और उनके समर्थक छह मंत्रियों समेत 22 विधायकों ने भी विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। इन विषम स्थितियों में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 20 मार्च को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था और 23 मार्च को श्री चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी।
इसके पूरे एक माह बाद अप्रैल में पांच मंत्रियों को शपथ दिलाकर चौहान ने अपने मंत्रिमंडल का गठन किया। इसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होना था, लेकिन वह विभिन्न कारणों से लगातार टल रहा है। विधानसभा में सदस्यों की संख्या के मान से राज्य में अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। इस तरह चौहान अधिकतम 29 और लोगों को मंत्री बना सकते हैं।
राजनैतिक प्रेक्षकों के अनुसार दरअसल सिंधिया से जुड़े नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करना है। इसके अलावा भाजपा में पहले से ही मौजूद अनुभवी और वरिष्ठ विधायकों की भी कमी नहीं है। वर्तमान में प्रदेश भाजपा में भी सत्ता के अनेक केंद्र हैं। इन सब स्थितियों के साथ सभी के बीच सामंजस्य बिठाने का प्रयास किया जा रहा है।