किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट मामले में आरोपी निकिता जैकब को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत मिली है। दिल्ली पुलिस की ओर से जारी गैर-जमानती अरेस्ट वारंट का सामना कर रहीं एक्टिविस्ट निकिता जैकब को ट्रांजिट अग्रिम जमानत मिल गई है। इसके साथ ही तीन हफ्ते तक निकिता की गिरफ्तारी नहीं सकती।
आज हुई सुनवाई में निकिता जैकब की ट्रांजिट ABA पर बचाव की पक्ष की तरफ से कुछ और दस्तावेज पेश किए गए थे। दिल्ली पुलिस की दलीलें दी गई हैं। बचाव पक्ष ने शांतनु को मिली अंतरिम राहत के फैसले की कॉपी कोर्ट के सामने रखी थीं। वहां भी अधिकार क्षेत्र का सवाल उठाया गया था।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन को लेकर टूलकिट का खुलासा किया था। इस मामले में पुलिस ने पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। जिसके बाद निकिता जैकब, शांतनु की तलाश की जा रही थी। सूत्रों के अनुसार इस मामले में वांछित शांतनु मुलुक 20 और 27 जनवरी के बीच टिकरी बॉर्डर पर मौजूद था।
सोमवार को दिल्ली पुलिस ने टूलकिट केस में लॉयर एक्टिविस्ट निकिता जैकब और शांतनु मुलुक को गैर-जमानती अरेस्ट वारंट जारी किया था। इसके बाद निकिता जैकब ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका डाली थी। शांतनु मुलुक ने भी औरंगाबाद बेंच में जमानत याचिका डाली थी, जिसके बाद उन्हें 10 दिनों की अंतरिम जमानत मिली है। आज निकिता को 3 हफ्ते की अंतिरम राहत मिल गई है।