टूलकिट विवाद को लेकर कांग्रेस के बाद शिवसेना भी बीजेपी पर हमलावर होती नजर आ रही है। शिवसेना ने बीजेपी ने अपने विरोधियों को निशाना बनाने के लिए सोशल मीडिया या ‘टूलकिट’ का इस्तेमाल किया था और जब यह मुद्दा उसी पर उलटा पड़ा तो उसने विविध तरीकों से दबाव बनाया।
दिल्ली पुलिस द्वारा कथित ‘कोविड टूलकिट’ की शिकायत पर जांच के सिलसिले में ट्विटर इंडिया को भेजे गए नोटिस के संबंध में शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार ने संवाददाताओं से यह बात कही। बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि विपक्षी दल ने ऐसा ‘टूलकिट’ तैयार किया जिससे कोविड-19 महामारी से निबटने को लेकर देश तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।
कांग्रेस ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा था कि उसे बदनाम करने के लिए बीजेपी इस फर्जी ‘टूलकिट’ का प्रचार कर रही है। माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने पिछले सप्ताह बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के उस ट्वीट को ‘‘तोड़-मरोड़कर पेश किया गया’’ करार दिया जिसमें उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने मोदी सरकार को निशाना बनाने के लिए एक ‘टूलकिट’ तैयार किया था।
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इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में संजय राउत ने कहा, ‘‘बीजेपी ने पहले भी सोशल मीडिया या टूलकिट का इस्तेमाल किया है। जब यह उसी पर उलटा पड़ गया तो अब वह छापेमारी कर रही है, कुछ लोगों को उसने पकड़वाया तथा तरह-तरह के तरीकों से दबाव बना रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम देख रहे हैं और मजे ले रहे हैं।’’
राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि देश और दुनिया में टूलकिट तथा सोशल मीडिया के बारे में बहस चल रही है। उन्होंने बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं के बीच कोविड-19 संकट तथा इससे पार्टी की छवि पर पड़े प्रभाव को लेकर हुई कथित बैठक के बारे में पूछे गए सवाल पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
उक्त कथित बैठक में कोविड-19 संकट के कारण अगले साल होने जा रहे उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों पर संभावित असर की चर्चा हुई। राउत ने कहा, ‘‘आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का मैं बहुत सम्मान करता हूं। गंगा नदी के तटों पर बहकर आए हजारों शवों के बारे में मैं उनसे कड़ी टिप्पणी की उम्मीद रखता हूं। यह मुद्दा भी राम मंदिर मुद्दे जितना ही महत्वपूर्ण है।’’