त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव ने मंगलवार को पंजाबी और जाट समुदाय के प्रति अपने बयान पर माफी मांगी है। देब ने आज अपने बयान पर माफी मांगते हुए कई ट्वीट किये।
मेरे कई अभिन्न मित्र इसी समाज से आते हैं। अगर मेरे बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो उसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से क्षमाप्रार्थी हूँ।
— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) July 21, 2020
उन्होंने लिखा,”अगरतला प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में मैंने अपने पंजाबी और जाट भाइयों के बारे में कुछ लोगों की सोच का जिक्र किया था। मेरी धारणा किसी भी समाज को ठेस पहुंचाने की नहीं थी। मुझे पंजाबी और जाट दोनों ही समुदायों पर गर्व है। मैं खुद भी काफी समय तक इनके बीच रहा हूं। मेरे कई अभिन्न मित्र इसी समाज से आते हैं। अगर मेरे बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो उसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से क्षमाप्रार्थी हूं।”
मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा,” देश के स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबी और जाट समुदाय के योगदान को मैं सदैव नमन करता हूं और भारत को आगे बढ़ाने में इन दोनों समुदायों ने जो भूमिका निभाई है, उस पर प्रश्न खड़ा करने की कभी मैं सोच भी नहीं सकता हूं।”
यह है पूरा मामला
देव सोमवार को अगरतला प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों के साथ वार्तालाप में देश के अलग-अलग समुदायों और राज्यों के लोगों से जुड़ी बातें साझा कर रहे थे। पंजाब के लोगों की बात करते हुए उन्होंने कहा था, “लोग उन्हें पंजाबी कहते हैं, एक सरदार हैं! सरदार किसी से नहीं डरता। वह बहुत ताकतवर होते हैं हालांकि उनका दिमाग कम होता है। कोई भी उन्हें ताकत से नहीं बल्कि प्यार से जीत सकता है।”
हरियाणा के जाटों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था लोग जाटों के बारे में तरह-तरह की बात करते हैं, “लोग कहते हैं… जाट कम बुद्धिमान हैं, लेकिन शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं। अगर आप एक जाट को चुनौती देते हैं तो वह अपनी बंदूक अपने घर से बाहर ले आएगा।” इसके बाद उन्होंने बंगाली लोगों के लिए कहा कि बंगालियों को बहुत बुद्धिमान माना जाता है और यह भारत में उनकी पहचान है, जैसे हर समुदाय को एक निश्चित प्रकार और चरित्र के साथ जाना जाता है।