त्रिपुरा कांग्रेस समिति अध्यक्ष बीरजीत सिन्हा ने बिप्लव देब सरकार में श्रम मंत्री भगवान दास पर चिटफंड खाते से चाय श्रमिकों के नाम पर 58 लाख रुपये निकालने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले को लेकर श्रम मंत्री के खिलाफ हाई कोर्ट में जाने की धमकी भी दी है।
उनोकोटी के तत्कालीन अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और जिलाधिकारी (एडीएम) सौमित्रा चकमा द्वारा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के बंद खाते से ट्रांजेक्शन की अनुमति देने के लिए जारी किए गए अनुरोध पत्र का हवाला देते हुए शनिवार को सिन्हा ने मीडिया के समक्ष आरोप लगाया।
इसके बाद जिला प्रशासन ने पूरे 58 लाख रूपये चाय के पौधों को हुए नुकसान के नाम पर मुआवजे के रूप में दिये जाने के लिए निकाल लिये। सिन्हा ने आरोप लगाया कि इस काम में श्रम मंत्री दास, जिला प्रशासन और नतिंगचेरा चाय बगान के प्रबंधक मुसब्बर अली शामिल थे।
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उन्होंने कहा कि शिकायत के बाद राज्य सरकार ने एडीएम चकमा को निलंबित कर दिया लेकिन मंत्री दास के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि नतिंगचेरा के चाय बगान की काफी भूमि सरकार ने सड़क बनवाने के लिए अधिग्रहण कर ली, जिसके परिणामस्वरूप सरकार ने चाय बगान में हुए नुकसान के लिए यह राशि जारी की थी।
सिन्हा ने कहा,‘‘हम इस संबंध में गहन जांच करने और सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए त्रिपुरा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे।‘‘ कांग्रेस ने सरकार से त्रिपुरा चाय बगान के लिए 500 करोड़ रुपए की विशेष पैकैज की मांग की तथा श्रमिकों को दैनिक मिलने वाली वेतन में 212 रुपए की वृद्धि की मांग की साथ ही उन्होंने चाय बगान के श्रमिकों को बेहतर सुविधा देने के लिए अनुरोध किया।