उत्तराखंड भाजपा में चल रही सियासी उठापठक के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस्तीफा देने के करीब एक महीने बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए उनके खिलाफ बड़ी साजिश रची गयी थी।
देहरादून में गुरुवार को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जब अभिमन्यु को कौरवों द्वारा छल से मारा जाता है तो मां द्रौपदी शोक नहीं करती हैं, मां द्रौपदी हाथ खड़े करके बोलती हैं इसका प्रतिकार करो पांडवों। राजनीति में तो ये घटनाएं घटित होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से जो भी कष्ट मुझे मिलेंगे उन्हें मैं झेलूंगा लेकिन अपने रास्ते से नहीं हटूंगा। कुछ कार्यकर्ता भावुक भी हो रहे हैं, उसकी जरूरत नहीं है।
पूर्व सीएम ने कहा कि राजनीति में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। राजनीति की काजल की कोठरी से मैं साफ सुथरा निकला हूं, इस बात का मुझे संतोष है। उन्होंने अंत में कहा कि उन्हें नहीं पता कि सीएम पद से क्यों हटाया गया। गौरतलब है कि इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि विगत 4 वर्षों से BJP ने मुझे CM के रूप में उत्तराखंड में सेवा करने का मौका दिया। ये मेरा सौभाग्य रहा है। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि पार्टी मुझे इतना बड़ा सम्मान देगी। पार्टी ने संयुक्त रूप से ये निर्णय लिया कि मुझे अब किसी और को ये मौका देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 7- 8 परिवार वाले एक छोटे से गांव में मैं पैदा हुआ। मेरे पिता एक पूर्व सैनिक थे। बीजेपी में ही यह संभव था कि एक छोटे से गांव के अति साधारण परिवार के एक पार्टी के कार्यकर्ता को इतना सम्मान दिया और 4 साल मुझे सेवा करने का मौका दिया। रावत ने कहा कि बीजेपी में जो भी फैसले होते हैं वह सामूहिक विचार के बाद होते हैं इस्तीफा देने का कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसके लिए आपको दिल्ली जाना पड़ेगा और यह सवाल आपको पार्टी आलाकमान से पूछना होगा।