देश में इस समय सनातन धर्म पर विवाद काफी तूल पकड़ता नजर आ रहा है। इसी बीच दें तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सोमवार को फिर से सनातन धर्म को लेकर फिर से बयान दिया है। स्टालिन तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के बयान पर पलटवार कर रहे थे। बता दें राज्यपाल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि राज्य में जाति आधारित भेदभाव बहुत है। सनातन को खत्म करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां जन्म के आधार पर सब बराबर हैं।
सनातन धर्म को खत्म करना ही होगा- उदयनिधि
आपको बता दें जिसके जवाब में स्टालिन ने कहा, 'जातिगत भेदभाव के कारण वह सनातन धर्म को खत्म करने की बात करते हैं।सनातन धर्म को खत्म करना ही होगा। हम भी जातिगत आधार पर भेदभाव खत्म करने की बात करते हैं। राज्यपाल भी वही कह रहे हैं। हमारा मानना है कि जन्म के आधार पर जाति खत्म होनी चाहिए। जहां भी जाति के आधार पर भेदभाव होता है मैं उस भेदभाव को खत्म करना चाहता हूं.'
तमिलनाडु के राज्यपाल ने रविवार को कहा…..
तो वहीं, तमिलनाडु के राज्यपाल ने रविवार को कहा था कि समाज में सामाजिक भेदभाव मौजूद है, जो अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा, 'हमारे यहां छुआछूत है, सामाजिक भेदभाव है। एक बड़े वर्ग के साथ समान व्यवहार नहीं किया जाता है। यह दर्दनाक है. हिंदू धर्म ऐसा नहीं कहता है।हिंदू धर्म समानता की बात करता है.'उन्होंने कहा, 'हर दिन मैं अखबार में पढ़ता हूं, मुझे रिपोर्ट मिलती है, मैं सुनता हूं कि अनुसूचित जाति के हमारे भाइयों और बहनों को मंदिरों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। यह बहुत अजीब बात है।
जाति व्यवस्था के लिए सनातन धर्म जिम्मेदार है- अन्नादुराई
साथ ही डीएमके प्रवक्ता सरवन अन्नादुराई ने कहा,'राज्यपाल इस बात को नहीं पचा पा रहे हैं कि द्रविड़ मॉडल गर्वनेंस का एक सफल मॉडल है। वह द्रविड़ विचारधारा के विरोधी हैं। वह सनातन विचारधारा के प्रचारक हैं, वह जहां भी जाते हैं सनातन धर्म के गुणों के बारे में बात करते हैं, लेकिन जाति व्यवस्था के लिए सनातन धर्म जिम्मेदार है.'