छत्रपति शिवाजी के वंशज एवं बीजेपी नेता उदयनराजे भोसले ने मंगलवार को कहा कि 17वीं सदी के इन मराठा सम्राट से दुनिया में किसी की भी तुलना नहीं की जा सकती है। शिवाजी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना करने वाली बीजेपी नेता की एक विवादास्पद पुस्तक की निंदा करते हुए भोसले ने शिवसेना को अपने नाम से ‘शिव’ शब्द हटाने और ‘ठाकरे सेना’ नाम रखने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना से ‘शिव’ शब्द हटाइए और उसका नाम बदलकर ‘ठाकरे सेना’ कर लीजिए। मैं देखना चाहूंगा कि जब आप नाम बदल लेंगे तब कितने लोग आपके पीछे खड़े रहेंगे।’’
सातारा के पूर्व सांसद ने पुस्तक विवाद पर शिवाजी महाराज के वंशजों से रूख स्पष्ट करने की मांग करने को लेकर शिवसेना पर प्रहार किया और सवाल किया कि क्या उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी ने अपने नाम में ‘शिव’ शब्द लगाते समय उनसे संपर्क किया था। शिवसेना नेता संजय राउत ने बीजेपी नेता जय भगवान गोयल की पुस्तक ‘आज के शिवाजी: नरेंद्र मोदी’ को सोमवार को ‘अपमानजनक’ करार दिया था और मराठा सम्राट के वंशजों से अपना रूख स्पष्ट करने और इस मुद्दे पर बीजेपी छोड़ने को कहा था।
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भोसले ने कहा, ‘‘ हर बार, यह कहा जाता है कि वंशजों से पूछिए। जब शिवसेना नाम रखा गया था और ‘शिव’ शब्द का इस्तेमाल किया गया था तब क्या आप आए थे और आपने वंशजों से पूछा था।’’ गोयल की पुस्तक की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने सुना है कि यह पुस्तक वापस ले ली गयी है।’’ बीजेपी के राज्यसभा सदस्य और शिवाजी महाराज के वंशज छत्रपति संभाजी राजे ने मांग की है कि इस पुस्तक पर पाबंदी लगायी जाए।
बीजेपी विधायक और शिवाजी महाराज के वंशज शिवेंद्रराजे भोसले ने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ चाटुकार पार्टी की छवि के लिए समस्या खड़ी कर रहे हैं। महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार की अगुवाई कर रही उद्धव ठाकरे की पार्टी पर प्रहार करते हुए उन्होंने सवाल किया, ‘‘ क्यों महा शिव आघाड़ी’ से ‘शिव’ शब्द हटाया गया?’’
पिछले साल शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के त्रिदलीय गठबंधन के औपचारिक रूप से लेने से पहले मीडिया ने ‘महाराष्ट्र शिव अघाड़ी’ इजाद किया था। भोसले ने कहा कि केवल शिवाजी महाराज को ही ‘जाणता राजा’ कहा जा सकता है। सतारा के पूर्व सासंद ने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ‘‘ किसी को ‘जाणता राजा’ कहना शिवाजी महाराज को छोटा करके दिखाना है।’’
उल्लेखनीय है कि राकांपा प्रमुख शरद पवार को राजनीतिक गलियारों में ‘जाणता राजा’ बोला जाता है। भोसले ने कहा, ‘‘केवल एक ही जाणता राजा थे और वह छत्रपति शिवाजी महाराज थे, इसलिए किसी को ‘जाणता राजा’ बोलने से पहले एक बार सोच लें।’’ उन्होंने अपनी सुविधा के लिए छत्रपति शिवाज के नाम का इस्तेमाल करने को लेकर राजनीतिक दलों की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं किसी एक दल के बारे में बात नहीं कर रहा।
सभी दल सुविधा के हिसाब से शिवाजी महाराज के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं और फिर सुविधा के अनुसार उन्हें भूल जा रहे हैं।’’ भोसले ने सभी दलों को शिवाजी महाराज के दिखाये गये रास्ते पर चलने की सलाह दी उन्होंने अपना ‘वडा पाव’ बेचने के लिए ‘शिव’ उपसर्ग लगाने को लेकर एक फुड ब्रांड की भी आलोचना की। भोसले पिछले साल राकांपा छोड़ बीजेपी में शामिल हो गये थे।
बीजेपी नेता जयभगवान गोयल की पुस्तक ‘आज के शिवाजी: नरेंद्र मोदी’ से महाराष्ट्र में राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हो गया है। राज्य में शिवाजी महाराज को बड़े सम्मान की नजर से देखा जाता है। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने शिवाजी महाराज से मोदी की तुलना किये जाने पर इस पुस्तक की आलोचना की और इसे अपमानजनक बताया। ये तीनों ही दल उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार के हिस्से हैं।