केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पूर्वोत्तर राज्य असम के दौरे पर हैं। रविवार सुबह गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद गृहमंत्री मणिपुर पहुंचे और कई योजनाओं का शिलान्यास किया। इम्फाल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, मणिपुर को पहले विद्रोह, नाकेबंदी और बंद के लिए जाना जाता था, लेकिन पिछले 3 वर्षों में, हमने कोई बंद नहीं देखा।
उन्होंने कहा, पूर्वोत्तर अलगाववाद और हिंसा के लिए जाना जाता था। लेकिन पिछले 6 वर्षों में, लगभग सभी सशस्त्र समूहों ने एक के बाद एक हथियार डाले। हिंसा थम गई है। मुझे उम्मीद है कि शेष सशस्त्र समूह हिंसा से दूर रहेंगे और मुख्यधारा में शामिल होंगे।
अमित शाह ने कहा, मुझे कहते हुए गर्व हो रहा है कि प्रधानमंत्री ने साढ़े छह साल के अंदर पूर्वोत्तर भारत में विकास की बाढ़ लाने का काम किया है। मूल निवासियों के लिए इनर लाइन परमिट की मांग करते-करते मणिपुर वाले भूल गए थे, 2019 में मोदी जी ने तय किया कि इनर लाइन परमिट मणिपुर को न देना मणिपुर के मूल निवासियों के साथ अन्याय है और मांगे बगैर इनर लाइन परमिट देने का काम किया।
अमित शाह ने प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर में किए दर्शन, मणिपुर का भी करेंगे दौरा
उन्होंने कहा, पूरे पूर्वोत्तर में शांति बहाल हो और पूर्वोत्तर तेज़ गति से विकास के रास्ते पर चल सके इसके लिए मोदी जी ने ढेर सारी समस्याओं का निराकरण किया।आने वाले दिनों में राज्य में और भी विकास होना है। मणिपुर में सेंट्रल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और फॉरेंसिक कॉलेज बनेंगे। मणिपुर में 1186 स्टार्टअप्स शुरू हुए हैं, जो एक बड़ी कामयाबी है।
अमित शाह का यह दौरा खास है क्योंकि मार्च 2022 में प्रदेश में चुनाव होना है और बीजेपी यहां पूर्ण बहुमत की सरकार बनाना चाहती है। नॉर्थ-ईस्ट में अपनी बादशाहत कायम करने के लिए बीजेपी ने प्रयास भी शुरू कर दिए हैं।